- जब आप इस्तीफा देने दे बाद कंपनी में कुछ और दिन काम करते हैं, तो उस अवधि को नोटिस पीरियड कहा जाता है।
- नौकरी बदलने से पहले आपको नोटिस पीरियड की कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- अगर आप नोटिस पीरियड की अवधि के बिना ही अपनी नौकरी छोड़तो हैं, तो पूरे नोटिस भुगतान पर आपको जीएसटी का भुगतान करना होगा।
GST News: कंपनियां इस समय नई परियोजनाओं पर काम करने के लिए हायरिंग (Hiring) कर रही हैं। रिक्त पदों को भरने की हड़बड़ी में कंपनियां नए कर्मचारियों का नोटिस पीरियड (notice period) खत्म होने से पहले ही उन्हों नौकरी पर रख रही हैं। अगर आप ऐसे कर्मचारियों में से हैं और अपने आवश्यक नोटिस पीरियड की अवधि के बिना ही अपनी वर्तमान नौकरी छोड़ रहे हैं, तो पूरे नोटिस भुगतान पर 18 फीसदी जीएसटी (GST) का भुगतान करने के लिए तैयार रहें।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के स्वामित्व वाली भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) की सहायक कंपनी भारत ओमान रिफाइनरी (Bharat Oman Refineries) के मामले में हाल के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क प्राधिकरण (AAR) द्वारा दिए गए एक फैसले के अनुसार, विभिन्न कर्मचारियों पर माल एवं सेवा कर लागू होगा। इनमें कंपनियों द्वारा भुगतान किए गए टेलीफोन बिल, कंपनी के कर्मचारियों का ग्रुप इंश्योरेंस (group insurance) और नोटिस अवधि के बदले वेतन का भुगतान शामिल है।
उपरोक्त निर्णय के अनुसार, नोटिस भुगतान के मामले में, कंपनी वास्तव में एक कर्मचारी को 'सेवा प्रदान कर रही है' और इसलिए उस पर जीएसटी लागू किया जाना चाहिए। जीएसटी ढांचे के तहत, ऐसी किसी भी गतिविधि पर कर लगता है जिसे सेवा की आपूर्ति के रूप में देखा जाता है।
जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इस संदर्भ में मुंबई स्थित कर और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन ने कहा कि, 'जब कोई कर्मचारी नोटिस अवधि की सेवा नहीं करने के लिए अपने नियोक्ता को भुगतान करने के लिए सहमत होता है, तो इसे एक सेवा के रूप में माना जाता है और वह राशि पर 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है। चूंकि कर्मचारी पंजीकृत जीएसटी भुगतानकर्ता नहीं हैं, इसलिए नियोक्ता की जिम्मेदारी है कि वह कर्मचारी से वसूली पर रिवर्स चार्ज मकैनिज्म के माध्यम से जीएसटी का भुगतान करे।'