- वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी अध्ययन नहीं करते हैं।
- सरकार ने गरीबों के लिए दर्जनों काम किए।
- वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स स्लैब में राहत देना चाहती थी लेकिन मजबूरी थी।
बजट सत्र में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार ने 10 साल में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला था, लेकिन मोदी सरकार ने 23 करोड़ लोगों को गरीबी में पहुंचा दिया। राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल तीन करोड़ युवाओं को रोजगार गंवाने पड़े। उन्होंने कहा कि आज देश में बीते 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में दो हिंदुस्तान बन गए हैं जिनमें से एक अमीरों और दूसरा गरीबों के लिए है। राहुल गांधी के इन आरोपों पर टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खास बातचीत की।
वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल अध्ययन नहीं करते हैं। लेकिन उनके सवालों जवाब देना मेरा दायित्व है। हमने राहुल की बातें संयम से सुनी। सरकार के जबाव पर वे सदन से चले जाते हैं। सरकार ने गरीबों के लिए दर्जनों काम किए। पहले गरीबों का पैसा बेनामी के खाते में जाता था। राहुल गरीबों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं। किसानो की जमीन कब्जा करने वाले जीजा जी पर राहुल क्यों नहीं बोलते हैं। कांग्रेस पंजाब में किसानों के लिए कुछ नहीं करती है। साथ ही कहा कि सिर्फ यूपी में दलित महिलाओं की बात क्यों करते हैं। दूसरे राज्यों में दलित अत्याचार पर क्यों नहीं बोलते हैं।
उन्होंने कहा कि बजट को पूंजीवादी बजट कहना सही नहीं है। हमने लालफीताशी को खत्म किया। ये बजट पूंजीवादी को 1991 और 1997 का क्या था। उन्होंने कहा कि सैलरी क्लास पर कोई टैक्स नहीं बढ़ाया गया। दो साल तक टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। टैक्स स्लैब में राहत देना चाहती थी लेकिन मजबूरी थी। छोटे व्यपारियों को मददद पहुंचाई गई। देश में आर्थिक स्थिरता लाने की कोशिश की गई है। टैक्स स्थिरता के लिए जीएसटी काउंसिल को धन्यवाद है। महामारी के दौरान टैक्स स्थिरता बनाए रखी।
पीएम ने पेट्रोल के दाम घटाने के कदम उठाए। कांग्रेस सरकार में पेट्रोल के दाम समय पर नहीं घटी। मिडिल क्लास को घर दिलाने में मदद की। सरकार ने स्टार्टअप के लिए मदद की। स्टार्टअप में मिडिल क्लास के भी बच्चे हैं।
राज्यों के लिए अलग से बजट दिए। मनरेगा, हेल्थ का बजट कम नहीं किया। प्रबंधन ठीक किया। डिजिटल करेंसी पर वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी पर लोगों को जागरूक किया। इस आम सहमति से फैसला लिया।
बजट में चुनाव को देखते हुए कोई फैसला नहीं लिया गया। देश के विकास के लिए कदम उठा रहे हैं। पीएम ने स्टार्टअप के लिए कुछ करने को कहा। गरीब कल्याण को देखते हुए बजट बनाया।
वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। महामारी में भी 1.5 करोड़ लोगों को रोजगार दिए। युवा रोजगार के लिए निराश न हों। पीएम को युवाओं की चिंता है।