नई दिल्ली : देश के निर्यात में लगातार छठे महीने गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पेट्रोलियम, चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण के निर्यात में कमी से देश का कुल निर्यात अगस्त 2020 में एक साल पहले के इसी महीने के मुकाबले 12.66% घटकर 22.7 अरब डॉलर रहा। निर्यात में अगस्त माह में आई यह गिरावट जुलाई की 10.21% और जून में आई 12.41% गिरावट के मुकाबले भी अधिक है। इससे पहले, पिछले साल 2019 के अगस्त में निर्यात 25.99 अरब डॉलर रहा था।
आंकड़े के अनुसार देश का आयात भी इस साल अगस्त में 26% लुढ़क कर 29.47 अरब डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटा 6.77 अरब डॉलर पर आ गया जो एक साल पहले 2019 के इसी महीने में 13.86 अरब डॉलर के मुकाबले आधे से भी कम रह गया। जुलाई महीने में व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात का अंतर 4.82 अरब डॉलर था। तेल आयात आलोच्य महीने में 41.62% घटकर 6.42 अरब डॉलर रह गया।
सोने का आयात इस साल अगस्त महीने में उछलकर 3.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो अगस्त 2019 में 1.36 अरब डॉलर रहा था। चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से अगस्त अवधि के दौरान निर्यात 26.65% घटकर 97.66 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 48.73% घटकर 118.38 अरब डॉलर का रहा। इससे व्यापार घाटा आलोच्य अवधि में 20.72 अरब डॉलर रहा।
जिन प्रमुख जिंसों के निर्यात में गिरावट दर्ज की गयी, उसमें पेट्रोलियम उत्पाद (-40%), रत्न एवं आभूषण (-43.28%), चमड़ा (-16.82%), मानव निर्मित धागे/कपड़े/मेड-अप (-24.23%), सभी प्रकार के तैयार परिधा (-14%) और इंजीनियरिंग (-7.69%) उत्पाद शामिल हैं। वहीं चावल, कॉफी, तंबाकू, लौह अयस्क, तिलहल, ऑयल मील, मांस, डेयरी और पाल्ट्री उत्पादों, औषधि और प्लस्टिक जैसे क्षेत्रों के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गयी।
अगस्त माह में आयात के मामले में जिन वस्तुओं में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें मशीनरी, इलेक्ट्रिकल और गैर-इलेक्ट्रिकल, रसायन, लकड़ी और इलेक्ट्रॉनिक सामान शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान तेल आयात 53.61% घटकर 26 अरब डॉलर रहा। वहीं गैर-तेल आयात 40% घटकर 92.35 अरब डॉलर रहा।
आंकड़ों के बारे में अपनी प्रतिक्रिया में निर्यात संगठनों के महासंघ फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने श्रम गहन क्षेत्रों के निर्यात में गिरावट को लेकर चिंता जतायी। इस क्षेत्र से निर्यात में गिरावट का देश में रोजगार सृजन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि आयात का भी विश्लेषण करने की जरूरत है। आयात में इतनी तीव्र गिरावट से आने वाले महीनों में औद्योगिक पुनरूद्धार पर असर पड़ सकता है।
भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र में 22% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा चावल, अनाज, तिलहन का निर्यात बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग में आने वाले समय में आगे बढ़ने की प्रवृत्ति है। इक्रा लि. की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि चालू खाते में 2020-21 की दूसरी तिमाही में 7 से 10 अरब डॉलर का अधिशेष होगा।
इस बीच, रिजर्व बैंक के मंगलवार को जारी आंकड़े के अनुसार देश का सेवा क्षेत्र का निर्यात जुलाई में 10.76% घटकर 17.03 अरब डॉलर रहा।
वहीं सेवा आयात भी जुलाई में 21.69% घटकर 10 अरब डॉलर रहा।
उधर, एक वेबिनार (इंटरनेट के जरिये आयोजित सेमिनार) में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सितंबर के दूसरे सप्ताह (8 से 14) में निर्यात 10.73% बढ़कर 6.88 अरब डॉलर रहा। उन्होंने कहा कि लेकिन हमारे पास कपड़ा, रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों को ऊपर लाने के लिये काफी गुंजाइश है। देखा जाए तो कुल मिलाकर उद्योग क्षेत्र में परिदृश्य काफी सकारात्मक बना हुआ है।
मंत्री ने कहा कि सप्ताह के दौरान आयात 22% घटकर 6.6 अरब डॉलर रहा। इसीलिए हम सितंबर के दूसरे सप्ताह में शुद्ध रूप से निर्यातक रहे।