जब हम लिक्विडिटी की कमी को दूर करने की व्यवस्था करते हैं, तो हम लोन और क्रेडिट कार्ड पर अधिक निर्भर रहते हैं। पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन और क्रेडिट कार्ड से हमें वित्तीय चुनौतियों को कम करने में मदद मिलती है। लोन एक लंबे समय का कमिटमेंट हैं जिसका भुगतान आपको नियमित आय में से ही करना होता है बिना अन्य वित्तीय प्राथमिकताओं को प्रभावित किए हुए।
कभी- कभी, लोन पर ब्याज दर और ईएमआई से आपकी वित्त व्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है। लोन मार्किट में हमेशा प्रतियोगिता रहती है और इस वजह से सस्ते विकल्प उपलब्ध होते हैं। आप अपने लोन को कम ब्याज दर देने वाले या अन्य लाभ देने वाले उधारदाता को ट्रांसफर कर सकते है, जो आपके मौजूदा उधारदाता द्वारा प्रदान नहीं किए जा रहे हैं। जब आप बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुने तो यह सुनिश्चित करे लें कि आपसे कोई गलती नहीं हो रही है। यहां हम कुछ ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बात कर रहे हैं।
ब्याज की सही-सही गणना न करना
बैलेंस ट्रांसफर करने से पहले, इस बात की गणना करें कि ब्याज की बचत के संबंध में आपको क्या लाभ मिलेगा। अगर दो लोन के बीच में ब्याज दर का फर्क बहुत अधिक है- उदाहरण के लिए 50 बेसिस प्वाइंट- तो कम दर का लाभ उठाना सही होगा। अगर अंतर न्यूनतम है- 25 बेसिस प्वाइंट या उससे भी कम- तो आपको मौजूदा लोन के संबंध में प्री-पेमेंट (पूर्व भुगतान) करने से फायदा होगा।
नए लोन के नियम और शर्तों की जानकारी न होना
अनेक उधारदाता बाजार में यह सुविधा आकर्षक दरों पर उपलब्ध कराते हैं, ब्याज दर के अलावा भी अन्य बातों पर विचार करें और नए लोन से जुड़े विभिन्न चार्ज आदि को समझ लें। उदाहरण के लिए, पुराने लोन में कम से कम एक ईएमआई की प्री-पेमेंट (पूर्व-भुगतान) की अनुमति हो सकती है, जबकि नए लोन में आपको कम से कम दो ईएमआई करना आवश्यक हो सकता है, जिससे प्री-पेमेंट मुश्किल हो सकता है।
पुराने लोन की शर्तों की जानकारी न होना
आपके मौजूदा उधारदाता की तरफ से फोरक्लोजर (समय पूर्व लोन भुगतान से जुड़े चार्ज) चार्ज लगाए जा सकते हैं, जो लोन बैलेंस का 1-2% हो सकते हैं। साथ ही, अगर आपने हाल ही में लोन लिया है तो, हो सकता है कि आपको फोरक्लोजर की अनुमति ही न दी जाए। ब्याज बचत की तुलना में इन लागतों पर भी विचार करना चाहिए।
ब्याज दर बैंचमार्क पर विचार न करना
जब नए लोन की ब्याज दर पर विचार करें, तो इसके बैंचमार्क भी जांच कर लें। मौजूदा समय में, ऐसे बैंकों द्वारा लोन पर सबसे कम ब्याज दर ऑफर की जाती है जिन्होंने आरबीआई द्वारा तय रेपो रेट की तुलना में ब्याज दर की बैंचमार्किंग की है। अन्य बैंचमार्क की तुलना में प्रदान किए गए लोन के बारे में रेट रिसेट के संबंध में अलग-अलग शर्तें और नियम होंगे, जो नियमित अंतराल पर होने आवश्यक है।
ट्रांसफर के लिए सही समय न चुना जाना
एक ऐसी सामान्य गलती जिससे बचना चाहिए वह है लोन को उस समय ट्रांसफर करना जब उसकी अवधि समाप्त होने वाली है। ट्रांसफर की तुलना में, फोरक्लोजर के रूप में बड़ी राशि का भुगतान करके आपको ज्यादा लाभ हो सकता हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि आप अधिकांश ब्याज का भुगतान पहले ही कर चुके होते हैं, और अब आप केवल मूल राशि को ही चुका रहे हैं। ट्रांसफर से जुड़े लाभों का फायदा उठाने के लिए बेहतर यह रहता है की ट्रांसफर लोन टेन्योर के आधे भाग में किया जाए।
सभी खूबियों और कमियों की जांच न करना
वास्तविक रूप से होने वाली बचत के अलावा, ऐसे अदृश्य या अस्पष्ट फैक्टर्स भी होते हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, नया उधारदाता आपके घर के पास हो सकता है और इसलिए जब आपको कोई सेवा प्राप्त करनी हो तो उसे पाना आसान हो सकता है। अगर आपके नए उधारदाता द्वारा अच्छी सेवाएं प्रदान नहीं की जाती हैं या अपने अकाउंट तक आसानी से एक्सेस नहीं दी जाती है, तो आपको ऐसे ट्रांसफर के बारे में फिर से और गहराई से विचार करना चाहिए।
उच्च मूल्य वाले कोलैटरल की ऑफर करना
उधारदाता उधार देने से जुड़े जोखिमों को कम से कम करने के लिए कोलैटरल की मांग कर सकते हैं। अगर आपको ऐसा करने के लिए कहा जाता है, तो तय करें कि कोलैटरल वैल्यू, लिए जा रहे लोन के अनुसार ही है। कम वैल्यू वाले लोन के लिए उच्च वैल्यू वाले कोलैटरल को रखने से बचा जाना चाहिए।
रिपेमेंट योजना न होना
बैलेंस ट्रांसफर सिर्फ तभी कामयाब होगा जब आप अपने लोन को कम ब्याज दर पर ट्रांसफर कराने के बाद समय पर ईएमआई की अदायगी करते हैं। इसलिए, आप किसी से भी उधार लें, लेकिन समय पर रिपेमेंट तय करें ताकि कर्ज को जल्द से जल्द उतार सकें।
बैलेंस ट्रांसफर से आपको बहुत अधिक लाभ मिलते हैं। अगर आप सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद इसका लाभ उठाने का निर्णय लेते हैं, तो लोन (कर्ज) को कम करने का यह एक अच्छा साधन है। अपने बढ़ते कर्ज से छुटकारा पाने के साथ-साथ, आप पैसा भी बचा सकते हैं और अपनी होल्डिंग्स को भी मजबूत कर सकते हैं।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)