- उद्योग जगत जोखिम उठाने और क्षमता निर्माण में निवेश करने के लिए रहे तैयार- वित्त मंत्री।
- आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए आगे आए उद्योग जगत।
- उद्योगों की राह की अड़चनें दूर करने की कोशिश में लगी है सरकार।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा कि अर्थव्यवस्था (Economy) में सुधार के स्पष्ट संकेत नजर आ रहे हैं और अब उद्योग जगत को भी जोखिम उठाना और क्षमता निर्माण में निवेश (Investment) के लिए तैयार रहना चाहिए। सीतारमण ने सीआईआई वैश्विक आर्थिक नीति सम्मेलन 2021 (CII Global Economic Policy Summit 2021) को संबोधित करते हुए कहा कि आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए उद्योग जगत को आगे आना चाहिए।
वित्त मंत्री ने उद्योग से की अपील
उन्होंने कहा, 'मैं उद्योग से अपील करती हूं कि वह क्षमता बढ़ाने में अब और देर न करे। उभर रहे नए क्षेत्रों को देखें तो साझेदार तलाशने में आपको देर नहीं होनी चाहिए।' उन्होंने आयात निर्भरता को कम करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि भारत में विनिर्माण के लिए जरूरी उत्पादों के आयात में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन तैयार उत्पादों के आयात को कम किया जाना चाहिए।
सीतारमण ने कहा, 'वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े रहने की चाहत होते हुए भी हमें इससे जुड़े जोखिमों को ध्यान में रखना होगा। जिम्मेदार भारतीय होने के नाते हमें निर्भरता से जुड़े जोखिमों को ध्यान में रखना होगा।' हालांकि उन्होंने यह साफ करने की कोशिश की कि वह आयात के लिए दरवाजे बंद करने की बात नहीं कर रही हैं। उन्होंने उद्योग जगत से आयात होने वाले तैयार उत्पादों की संख्या में कटौती करने और विनिर्माण में निवेश बढ़ाने को कहा।
रोजगार देने का किया अनुरोध
उन्होंने उद्योगों से आय असमानता कम करने के लिए अधिक रोजगार (Employment) देने का अनुरोध भी किया। वित्त मंत्री ने सीतारमण ने कहा, 'जब भारत की नजर वृद्धि तेज करने पर लगी है, उस समय मैं चाहती हूं कि भारतीय उद्योग अधिक जोखिम उठाएं और भारत की चाहत को समझें।'
अड़चनें दूर करने की कोशिश में लगी है सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों की राह की अड़चनें दूर करने की कोशिश में लगी हुई है। करीब 1,500 कानूनों को खत्म करने के अलावा हर एक मंत्रालय को उद्योगों की शिकायतें दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने को भी कहा गया है।