चालू वित्तीय वर्ष आज (31 मार्च) समाप्त हो रहा है और कई वित्तीय कार्यों को पूरा करने की समय सीमा भी आज ही है। जबकि इनमें से कुछ बदलाव केंद्रीय बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं के अनुसार हैं, कुछ अन्य महत्वपूर्ण कार्य हैं जो टैक्सपेयर्स को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले पूरा करना चाहिए। ऐसे 10 महत्वपूर्ण बदलावों पर नजर डालते हैं जो 1 अप्रैल 2021 से बदल जाएंगे।
पैन-आधार लिंकिंग
केंद्र सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने की समय सीमा कई बार बढ़ाई है। जब तक सरकार फिर से समय सीमा नहीं बढ़ाती है, दस्तावेजों को लिंक करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2021 है। अगर 31 मार्च तक पैन को आधार संख्या से लिंक नहीं किया जाता है, तो पैन 1 अप्रैल, 2021 से निष्क्रिय हो जाएगा। एक बार जब आपका पैन निष्क्रिय हो जाता है तो आप किसी भी वित्तीय लेनदेन करने में सक्षम नहीं होंगे। अगर आप दोनों दस्तावेजों को समय सीमा तक लिंक नहीं कर पाते हैं और आपका पैन निष्क्रिय हो जाता है, तो यह माना जाएगा कि आपका पैन कानून द्वारा आवश्यक नहीं है और आयकर अधिनियम की धारा 272 बी के अनुसार 10,000 रुपए का जुर्माना लागू हो सकता है।
संशोधित आईटीआर फाइलिंग
अगर आपके आईटीआर में कोई त्रुटि हुई है, तो आप 31 मार्च तक संशोधित इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। आपने अभी तक आईटीआर दाखिल नहीं किया है, तो आप वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विलंबित इनकम टैक्स रिटर्न भी दाखिल कर सकते हैं। आपको 31 मार्च से पहले संशोधित आईटीआर दाखिल करना होगा। अगर आप इसके बाद फाइल करते हैं, तो आपको 10,000 रुपए तक की देरी से शुल्क देना पड़ सकता है। हालांकि, अगर आपकी आय 5 लाख रुपए तक है, तो आपको 1,000 रुपए का चार्ज देना होगा।
LTC कैश वाउचर स्कीम
सरकारी कर्मचारियों को योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले टैक्स लाभों का लाभ उठाने के लिए 31 मार्च, 2021 तक अपना अवकाश यात्रा रियायत नकद वाउचर (LTC) जमा करना जरूरी है। सही फॉर्मेट में 31 मार्च तक बिल जमा करना अनिवार्य है। जीएसटी राशि और नंबर होना भी अनिवार्य है। इस स्कीम की घोषणा केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2020 में की थी।
पिछले नियोक्ता की सैलरी डिटेल प्रस्तुत करना
अगर किसी व्यक्ति को चालू वित्त वर्ष में एक से अधिक नियोक्ता के साथ नियोजित किया गया था, तो पिछले नियोक्ता के साथ वेतन का डिटेल वर्तमान नियोक्ता को दिया जाना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि वर्तमान नियोक्ता द्वारा उचित टैक्स कटौती की जाती है। यह काम 31 मार्च तक किया जाना चाहिए।
पीपीएफ और एनपीएस खातों में योगदान
पीपीएफ या एनपीएस खातों के ग्राहक को यह सुनिश्चित करना होगा कि खाता निष्क्रिय होने से बचने के लिए वह प्रति वर्ष 500 रुपए का न्यूनतम अंशदान जमा करते हैं। अपने स्वयं के नाम या बच्चों या पति या पत्नी के नाम पर पीपीएफ खाते के मामले में, आपको खाते को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए 31 मार्च तक 500 रुपए का न्यूनतम योगदान करना होगा। यही नियम एनपीएस खाते पर भी लागू होता है।
लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ
लिस्टेड इक्विटी शेयरों पर लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ और इक्विटी स्कीम से लाभ 1 लाख तक टैक्स फ्री है। इसके बाद शेष राशि पर 10% टैक्स लगाया जाता है। पहले से नहीं किाय है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को 31 मार्च तक बुक किया जा सकता है।
विवाद से विश्वास स्कीम
विवाद से विश्वास स्कीम के तहत घोषणा पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। स्कीम के तहत अतिरिक्त ब्याज के बिना टैक्स के भुगतान की तारीख 30 अप्रैल 2021 है।
भविष्य निधि (पीएफ) टैक्स नियम
1 अप्रैल से, सरकार 2.5 लाख रुपए से अधिक के पीएफ में वार्षिक कर्मचारी योगदान पर ब्याज लगाएगी।
टीडीएस नियम में बदलाव
उच्च TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) या TCS (टैक्स कॉलैक्टेड एट सोर्स) आईटीआर दाखिल नहीं करने वालों से वसूला जाएगा। इस प्रावधान की घोषणा बजट 2021 में की गई थी।
घटेगी ग्रेच्युटी की अवधि
नए श्रम कानून के तहत, ग्रेच्युटी की समय सीमा कम हो जाएगी। अब पांच साल तक की बाध्यता समाप्त होगी। अब एक साल तक काम करने पर ग्रेच्युटी मिल जाएगी यानी आपको कंपनी एक साल काम करने पर ग्रेच्युटी देगी।
75 से ऊपर के सीनियर सिटिजन को आईटीआर दाखिल करने से छूट
केवल पेंशन आय वाले 75 वर्ष से अधिक आयु के सीनियर सिटिजन को 1 अप्रैल 2021 से इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने से छूट दी जाएगी।
ई-चालान होगा अनिवार्य
व्यापार से व्यवसाय (बीटीबी) के तहत, ऐसे सभी व्यापारियों के लिए 1 अप्रैल से ई-चालान अनिवार्य होगा, जिनका कारोबार 50 करोड़ रुपए से अधिक का है।
वाहनों में खामियों पर कंपनी को भरना होगा 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना
विनिर्माण में खामी को लेकर अगर सरकार की तरफ से अनिर्वाय रूप से वाहनों को वापस मंगाए जाने का आदेश दिया जाता है तो कंपनियों को 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना देना होगा। यह नियम 1 अप्रैल, 2021 से लागू होगी।