- गुजरात संयंत्र दुनिया के सबसे बड़े कॉपर रिफाइनरी परिसरों में से एक होगा: अडानी इंटरप्राइजेज।
- वेदांता की तमिलनाडु इकाई भारत की तांबे की 40 फीसदी जरूरतों को पूरा करती थी।
- यह कथित प्रदूषण उल्लंघन की वजह से साल 2018 से बंद है।
नई दिल्ली। गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाला पोर्ट-टू-एनर्जी समूह अडानी ग्रुप (Adani Group) बड़ा कदम उठाने जा रहा है। अडानी ग्रुप तांबे (Copper) में बड़ा निवेश कर रहा है। तांबा मैन्युफैक्चरिंग के सेक्टर में कदम रखने के लिए अडानी ग्रुप ने गुजरात के मुंद्रा में 10 लाख टन के सालाना उत्पादन (MTPA) वाली इकाई की स्थापना के लिए बैंकों से लोन भी लिया है। तांबे के निर्माण में एंट्री के लिए तैयार अडानी ग्रुप ने 6,071 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इसके लिए कंपनी ने सरकारी सेक्टर के ऋणदाताओं से करार किया है।
पूरा ऋण राशि को मिली मंजूरी
मालूम हो कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ ने कॉपर प्रोजेक्ट के पहले चरण के विकास के लिए पूरी ऋण राशि को मंजूरी दे दी है। इसके लिए अन्य कंसोर्टियम मेंबर्स बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र हैं।
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इस संदर्भ में कंपनी ने एक बयान में कहा कि, 'अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) की सहायक कंपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड (KCL) दो चरणों में प्रति वर्ष 10 लाख टन के साथ रिफाइंड तांबे के उत्पादन के लिए एक ग्रीनफील्ड कॉपर रिफाइनरी परियोजना स्थापित कर रही है।' उल्लेखनीय है कि हाल ही में खबर आई थी कि अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की वेदांता (Vedanta) ने अपनी तमिलनाडु कॉपर यूनिट को बिक्री के लिए लगाया है।
कब शुरू होगा परिचालन?
आगे अडानी समूह ने बयान में कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई में बैंकों के एक गठजोड़ से कर्ज मिला है। केसीएल परियोजना के पहले चरण यानी पांच लाख टन की क्षमता के लिए बैंकों ने 6,071 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी है। अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के निदेशक विनय प्रकाश का कहना है कि इस परियोजना का परिचालन साल 2024 की पहली छमाही में शुरू हो जाएगा।