- भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज सुधार के संकेत अब आंकड़ों में भी दिखने को मिले।
- 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी GDP ग्रोथ के आंकड़े सामने आए।
- अक्टूबर के अंत में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सालाना बजटीय लक्ष्य का 36.3 फीसदी रहा।
GDP Data for 2nd Quarter Declared: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) की दो लहरों का सामना कर चुके देश की अर्थव्यवस्था (economy) मजबूती के साथ पटरी पर लौट रही है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के आंकड़े जारी कर दिए हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में देश की आर्थिक वृद्धि दर (GDP Data) 8.4 फीसदी रही।
वर्ष 2020-21 में महामारी की तगड़ी मार से जीडीपी में 7.3 फीसदी का संकुचन देखा गया था। वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून में जीडीपी विकास दर 20.1 फीसदी रही थी। वहीं पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में यह आंकड़ा 1.6 फीसदी रहा।
वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में जीडीपी 35.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल की समान तिमाही में 32.97 लाख करोड़ रुपये पर थी। इस तरह Q2 2020-21 में 7.4 फीसदी संकुचन की तुलना में 8.4 फीसदी की वृद्धि हुई।
इतना रहा राजकोषीय घाटा
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा (India's fiscal deficit) अक्टूबर के अंत में वित्त वर्ष 2021-22 के सालाना बजटीय लक्ष्य का 36.3 फीसदी रहा। राजकोषीय अंतर 5.47 लाख करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से राजस्व संग्रह में सुधार से राजकोषीय घाटा कम रहा। अप्रैल से अक्टूबर 2021 तक राजकोषीय घाटा 5,47,026 करोड़ रुपये रहा, जबकि सालाना लक्ष्य 15.06 लाख करोड़ रुपये का है। मालूम हो कि राजकोषीय घाटा पिछले साल आलोच्य अवधि में 2020-21 के बजटीय अनुमान का 119.7 फीसदी पहुंच गया था।
क्या है GDP?
किसी देश में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार की गई सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहा जाता है। GDP की वृद्धि दर देश के आर्थिक प्रदर्शन का महत्वपूर्ण संकेतक होती है। देश के विभिन्न सेक्टरों से जीडीपी का आंकड़ा तैयार किया जाता है। समें देश की आर्थिक गतिविधियों का लेखा-जोखा रहता है। जीडीपी के आंकड़ों से यह समझा जा सकता है कि देश कितना आगे बढ़ रहा है।