New Gold Rule From 1 June: अगले महीने से देश में गोल्ड से जुड़ा एक अहम नियम (Gold Rules) लागू होने जा रहा है। सोना खरीदने से पहले आप इस नियम के बारे में जरूर जान लें वरना आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है। 1 जून 2022 से ज्वैलर्स सिर्फ हॉलमार्क वाले सोने के गहने (Gold jewellery) ही बेच सकते हैं, चाहे उनकी शुद्धता कुछ भी हो। यानी सोने के सभी कैरेट के गहनों के लिए हॉलमार्किंग (Gold Hallmark) अनिवार्य की जा रही है।
कितने कैरेट गोल्ड के लिए जरूरी है हॉलमार्किंग?
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 4 अप्रैल 2022 को इस संदर्भ में एक नोटिफिकेशन जारी की थी। अब तक सिर्फ छह तरह की सोने की शुद्धता की कैटेगरी, यानी 14 कैरेट, 18 कैरेट, 20 कैरेट, 22 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट के लिए ही हॉलमार्किंग जरूरी थी। यानी 21KT या 19KT (KT= Carat) के सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्क अनिवार्य नहीं था। अब 1 जून 2022 से यह नियम बदल जाएगा।
कैसे पता चलता है सोना शुद्ध है या नहीं?
क्या है हॉलमार्किंग? (What is Gold hallmarking)
दरअसल हॉलमार्क वाला सोना प्रमाणित सोना होता है। इसकी क्वालिटी की जांच की जाती है। भारत सरकार के तहत एक एजेंसी, बीआईएस सोने की शुद्धता और सुंदरता को प्रमाणित करने के लिए हॉलमार्किंग का प्रोसेस करता है। ग्राहकों द्वारा खरीदे गए सभी सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य है, भले ही सोने की शुद्धता कितनी भी हो।
इन बातों का रखेंगे ध्यान, तो सोना खरीदने में कभी नहीं खाएंगे धोखा
सरकार ने सोने के गहनों पर शुद्धता के संकेतों में भी बदलाव किया है। अब हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों में तीन चिह्न होंगे:
- बीआईएस लोगो
- शुद्धता / सुंदरता ग्रेड
- छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड, जिसे HUID भी कहा जाता है
इससे पहले हॉलमार्किंग के चिह्न होते थे- बीआईएस लोगो, शुद्धता या सुंदरता ग्रेड, केंद्र का पहचान चिह्न और ज्वैलर्स का पहचान नंबर।
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