- पिछले कई समय से डॉलर के मुकाबले रुपया डगमगा रहा है।
- डॉलर के मजबूत होने से आयात महंगा हो जाएगा।
- आयात के महंगे होने से देश में कई वस्तुओं की कीमत बढ़ जाएगी।
नई दिल्ली। डॉलर के मजबूत होने के साथ ही कच्चे तेल की कीमत (Crude oil Price) में तेजी के बीच बुधवार को फिर से शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये (Rupee vs Dollar) में गिरावट आई। आज रुपया 10 पैसे फिसलकर 79.88 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में आज रुपया 79.83 के स्तर पर खुला, लेकिन जल्द ही 79.88 पर फिसल गया। पिछले कारोबारी दिन भी रुपया शुरुआती कारोबार में 10 पैसे फिसला था।
सरकार ने बताया क्यों खिसक रहा है रुपया
यह गिरावट सिर्फ आज-कल ही नहीं आई है, बल्कि पिछले कई दिनों के भारतीय मुद्रा में गिरावट देखी जा रही है। इस बीच अब केंद्र सरकार ने रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचने के कई कारण बताए हैं। रुपये के मूल्य में गिरावट के कारणों के बारे में सरकार ने एक प्रश्न का लिखित में उत्तर दिया।
सरकार ने कहा कि भारतीय रुपये की विनिमय दर बाजार निर्धारित है और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट के पीछे कई कारक हैं। प्रमुख कारणों में कोरोना वायरस महामारी (Covid-19) संबंधित आर्थिक व्यवधान, यूएस-चीन व्यापार युद्ध (US-China trade war), कच्चे तेल की बढ़ती कीमत (Crude Oil Price) और रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) शामिल हैं।
वित्त राज्य मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी
इस संदर्भ में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि, 'विभिन्न वैश्विक कारकों ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रुपये के गिरावट में योगदान दिया है, जिसमें 2018 में यूएस-चीन व्यापार युद्ध, 2018 में यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा दर में वृद्धि और 2020 में कोविड से संबंधित व्यवधान शामिल हैं।'