- 2022 से 2025 तक 25 हवाई अड्डों का निजीकरण होगा।
- नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी।
- एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाल ही में 6 हवाई अड्डों को सम्मानित किया था।
Government Plan: नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने लोकसभा में कहा कि सरकार की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetization Pipeline, NMP) के तहत अगले पांच सालों में 25 हवाई अड्डों के निजीकरण (25 Airports Will Get Privatised By 2025) करने की योजना है।
इन एयरपोर्ट के एसेट मॉनेटाइजेशन की है योजना
नेश्नल मॉनेटाइजेशन प्लान के अनुसार, 25 एयरपोर्ट (Airport Authority of India) को 2022 से 2025 तक एसेट मॉनेटाइजेशन के लिए निर्धारित किया गया है। इन एयरपोर्ट में भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयंबटूर, नागपुर, पटना, मदुरै, सूरत, रांची, जोधपुर, चेन्नई, विजयवाड़ा, वडोदरा, भोपाल, तिरुपति, हुबली, इंफाल, अगरतला, उदयपुर, देहरादून और राजमुंदरी शामिल हैं।
25 एयरपोर्ट निजी हाथों में चले जाएंगे। इन एयरपोट्रस का चयन वार्षिक ट्रैफिक और प्रस्तावित पूंजी खर्च योजना के आधार पर किया गया है। MoS ने कहा कि हवाई अड्डे मुद्रीकरण के लिए शर्तों को पूरा करते हैं। महामारी के दौरान वर्ष 2020-21 में देश के 137 में से चार हवाईअड्डों को छोड़कर सभी नुकसान में रहे। सांसद Mimi Chakraborty ने सवाल पूछा था कि पिछले 3 वित्तीय वर्षों में 136 AAI हवाई अड्डों को मुनाफा हुआ या घाटा।
137 में से 133 हवाई अड्डों को भारी नुकसान
इसके जवाब में वीके सिंह ने कहा कि कंडाला (0.11 करोड़), कानपुर चकेरी (6.07 करोड़), बरेली (0.68 करोड़) और पोरबंदर (1.54 करोड़) को छोड़कर अन्य सभी हवाई अड्डों को भारी नुकसान हुआ है।
इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित 13 और हवाई अड्डों का प्रबंधन, संचालन और विकास सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड (PPP) पर किया जाएगा।
AAI ने 6 हवाई अड्डों को किया था सम्मानित
मालूम हो कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाल ही में 50 वर्षों की अवधि के लिए पीपीपी के तहत संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए 6 हवाई अड्डों- अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, मंगलुरु को सम्मानित किया था।