- एटीएफ के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर शून्य की गई।
- पेट्रोल के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी 0 बरकरार है।
- विंडफॉल टैक्स रिव्यू का असर रिलायंस और ONGC जैसी कंपनियों पर पड़ेगा।
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों में नरमी के अनुरूप सरकार ने डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर अप्रत्याशित कर (Windfall Tax) में कटौती कर दी है। इसके साथ ही घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (Crude Oil) पर शुल्क बढ़ा दिया है। इससे पहले 20 जुलाई को सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर उपकर कम किया था।
कितना हुआ बदलाव?
सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड पर विंडफॉल टैक्स को 17,000 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 17,750 रुपये प्रति टन कर दिया है, लेकिन डीजल के निर्यात पर लेवी को 11 रुपये प्रति लीटर से कम करके 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। जेट ईंधन के एक्सपोर्ट पर 4 रुपये प्रति लीटर लेवी को हटा दिया गया है। इसकी नई दरें 3 अगस्त 2022 यानी आज से प्रभावी हो गई हैं। 19 जुलाई को सरकार ने पेट्रोल के निर्यात पर लगने वाले शुल्क को संशोधित किया था।
मासूम 'कृति दुबे' के सवालों के बीच वित्त मंत्री का जवाब, जानें उन्हें अर्थव्यवस्था पर क्यों है भरोसा
पहले इतना था टैक्स
उल्लेखनीय है कि सरकार ने शुरू में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन उपकर लगाया था। ग्लोबल क्रूड ऑयल में नरमी के बाद 20 जुलाई को इसे घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया था। पेट्रोल )Petrol) निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर टैक्स को भी समाप्त कर दिया गया, जबकि डीजल (Diesel) और विमानन ईंधन पर यह 2 रुपये प्रति लीटर घटाकर क्रमशः 11 रुपये और 4 रुपये कर दिया गया था।
GST Collection: भर गया सरकार का खजाना, जुलाई में शानदार रहा GST कलेक्शन