- सरकार बहुत जल्द देश में उद्योगों को विभिन्न विभागों से अनुमति और मंजूरियों के लिए सिंगल विंडो व्यवस्था स्थापित करने जा रही है
- केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों को एक ही व्यव्स्था के तहत लाया जाएगा
- यह कदम निवेश बढ़ाने और देश की प्रतिस्पर्धा का लाभ उठाने में मदद करेंगे
Bhumi bank : वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि सरकार बहुत जल्द उद्योगों के लिए सिंगल विंडो मंजूरी व्यवस्था स्थापित करेगी। इसी के साथ निवेश आकर्षित करने के लिए भूमि बैंक बनाएगी। उन्होंने कहा कि छह राज्य पहले ही भूमि बैंक बनाने पर अपनी सहमति दे चुके हैं। इच्छुक निवेशक बार-बार भूमि के स्वामित्व वाली एजेंसी के दफ्तर के चक्कर काटे बिना अपने उद्योगों के लिए दूर स्थित कार्यालयों से ही पसंदीदा जगह का चुनाव करने में सक्षम होंगे।
गोयल ने यह बातें सरकारी पूंजी कोषों, विदेशी पेंशन कोषों और अन्य के साथ बुनियादी क्षेत्र में निवेश और कारोबार सुगमता के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते वक्त कही। उन्होंने कहा कि सरकार बहुत जल्द देश में उद्योगों को विभिन्न विभागों से अनुमति और मंजूरियों के लिए सिंगल विंडो व्यवस्था स्थापित करने जा रही है। यह एक वास्तविक सिंगल विंडो सिस्टम होगी जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों को एक ही व्यव्स्था के तहत लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मुख्य तौर पर ध्यान दिए जाने वाले 20 आर्थिक क्षेत्रों की पहचान की है। इसमें फर्नीचर-सामान्य और विशेष, एयर कंडीशनर, चर्म, फुटवियर, कृषि-रसायन (उर्वरक), रेडी टू ईट फूड, इस्पात, एल्युमीनियम, तांबा, कपड़ा, ई-वाहन, वाहन कलपुर्जे, टीवी सेटटॉप बॉक्स, सीसीटीवी, खेल सामग्री, इथेनॉल और जैव ईंधन, खिलौने इत्यादि शामिल हैं।
गोयल ने कहा कि यह कदम निवेश बढ़ाने और देश की प्रतिस्पर्धा का लाभ उठाने में मदद करेंगे। उद्योग को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डाटा विश्लेषण, रोबोटिक्स इत्याद अन्य सभी सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग से नौकरियां जाएंगी नहीं बल्कि देश में उत्पादन बढ़ेगा जिससे और रोजगार पैदा होगा। मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी विदेशी निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा।
केंद्र सरकार के हर विभाग में एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाएगी। साथ ही परियोजना विकास प्रकोष्ठ बनाए जा रहे हैं जो निवेश करने योग्य परियोजनाओं को राज्य एवं केंद्र सरकार के साथ सहयोग करके मूर्त रूप देने में मदद करेंगे।