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प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार का बड़ा कदम, अगले दो महीने तक मिलेगा मुफ्त राशन

Updated May 14, 2020 | 17:01 IST

Free foodgrain supplies to migrant workers: वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि अगले दो महीने तक सरकार सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्य राशन की आपूर्ति करेगी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त अनाज।
मुख्य बातें
  • वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान-सभी प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मिलेगा राशन
  • सरकार शहरों में किराए का सस्ता आवास प्रवासी मजदूरों को उपलब्ध कराएगी
  • बड़ी पहल-अगस्त 2020 से देश में लागू होगा वन नेशन वन राशन कार्ड

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों के लिए राहत भरे कदमों की घोषणा की। 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज में प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों, छोटे कारोबारियों एवं स्ट्रीट वेंडर्स को मदद पहुंचाने के लिए पहल की गई है। वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि अगले दो महीने तक सरकार सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्य अनाज की आपूर्ति करेगी। ऐसे लोग जिनके पास कोई कार्ड नहीं है उन्हें दो महीने तक प्रति व्यक्ति पांच किलो गेहूं/चावल और प्रति परिवार एक किलो चना दो महीने तक दिया जाएगा। इस मुफ्त अनाज आपूर्ति पर सरकार 3500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है और इससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा पहुंचेगा। 

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मौजूद वित्त मंत्री ने प्रवासी मजूदरों के लिए राहत भरे कदम उठाए जाने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि शहरों में प्रवासी मजदूरों को सस्ता मकान किराए पर उपलब्ध कराने के लिए एक योजना शुरू करेगी। इसके लिए पीपीपी मॉडल के तहत शहरों में आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा 23 राज्यों में अगस्त 2020 से वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया जाएगा। इससे 67 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। 

  • प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते घर की योजना सरकार बना रही है।
  • अगस्त 2020 से एक देश एक राशन कार्ड योजना लागू होगी।
  • 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत कार्य दिया जाएगा।
  • जुलाई तक 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को राशन के लिए 3,500 करोड़ का प्रावधान। 
  • न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है।

बता दें कि देश में आर्थिक गतिविधियां ठप होने से इसका नकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर तो पड़ा ही है। देश भर में प्रवासी मजदूरों की आजीविक पर संकट खड़ा हो गया है। काम-धाम बंद हो जाने की वजह से लाखों प्रवासी मजदूरों के पास कोई काम नहीं है। ये मजदूर अपने-अपने गृह राज्य के लिए रवाना हो गए हैं। इन मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना राज्य सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है क्योंकि लॉकडाउन की वजह से उनके यहां उद्योग धंधे बंद हैं। ऐसे में राज्य में पहुंचने वाले नए मजदूरों के लिए रोजगार का सृजन करना एक बड़ी समस्या है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठकों में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाया। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रवासी मजदूरों के रोजगार संकट को दूर करने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। योगी सरकार ने 20 करोड़ प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का प्रारूप बनाया है। पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ रुपए के इस पैकेज में राज्यों के लिए आर्थिक मदद शामिल हो सकती है। आने वाले दिनों में वित्त मंत्री इस बारे में घोषणा कर सकती हैं।

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