- सकल जीएसटी राजस्व मार्च 2021 में 1,23,902 करोड़ रुपए रहा
- मार्च 2020 में जीएसटी संग्रह 97,590 करोड़ रुपए रहा था
- जीएसटी संग्रह फरवरी में 1.13 लाख करोड़ रुपए और जनवरी में 1.19 लाख करोड़ रुपए से अधिक था
नई दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में सालाना आधार पर 27% बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह लगातार छठा महीना है जब जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह कहा। मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी संग्रह में वृद्धि की प्रवृत्ति महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तीव्र आर्थिक पुनरूद्धार का संकेत देती है। बयान के अनुसार जीएसटी, आयकर और सीमा शुल्क सहित बहुपक्षीय स्रोतों से मिलने वाले आंकड़ों का बेहतर तरीके से विश्लेषण करने के साथ ही फर्जी-बिल के खिलाफ कड़ी निगरानी तथा प्रभावी कर प्रशासन से पिछले कुछ महीनों से लगातार राजस्व संग्रह बढ़ा है।
सकल जीएसटी राजस्व मार्च 2021 में 1,23,902 करोड़ रुपए रहा। इसमें केंद्रीय जीएसटी 22,973 करोड़ रुपए, राज्य जीएसटी 29,329 करोड़ रुपए और एकीकृत जीएसटी के 62,842 करोड़ रुपए (वस्तुओं के आयात पर संग्रह 31,097 करोड़ रुपए सहित) और उपकर के 8,757 करोड़ रुपए (वस्तुओं के आयात पर एकत्रित 935 करोड़ रुपए सहित) रहा। एक साल पहले मार्च 2020 में जीएसटी संग्रह 97,590 करोड़ रुपए रहा था।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मार्च 2021 के दौरान जीएसटी संग्रह, जीएसटी लागू किये जाने के बाद से सबसे अधिक रहा है। पिछले पांच महीनों में जीएसटी राजस्व संग्रह में सुधार की प्रवृत्ति के अनुरूप ही मार्च 2021 में राजस्व संग्रह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 27% अधिक रहा है। माह के दौरान वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व पिछले साल के इसी माह के मुकाबले 70% अधिक है और घरेलू लेन-देन से राजस्व 17 प्रतिशत अधिक है।
उल्लेखनीय है कि जून और सितंबर तिमाही में जीएसटी राजस्व में क्रमश: 41% और 8% की गिरावट आई। हालांकि आर्थिक पुनरूद्धार के साथ दिसंबर और मार्च तिमाही में इसमें क्रमश: 8% और 14% की वृद्धि हुई है। राज्यों के आर्थिक गतिविधियों को प्रतिबिंबित करने वाला जीएसटी संग्रह अप्रैल 2020 में 32,172 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर चला गया था। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लगाया गया ‘लॉकडाउन’ था।
इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री ने कहा कि मार्च 2021 में जीएसटी संग्रह अच्छा रहने के साथ राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 45,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त हस्तांतरित करना रेटिंग एजेंसी के इस विचार की पुष्टि करता है कि कर राजस्व 2020-21 में संशोधित अनुमान से ऊपर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि सरकार का राजकोषीय घाटा 2020-21 के संशोधित अनुमान 18.5 लाख करोड़ रुपए से कम रहेगा।
ईवाई इंडिया के कर भागीदार अभिषक जैन ने कहा कि मार्च महीने का जीएसटी आंकड़ा स्पष्ट रूप से सतत आर्थिक पुनरूद्धार को बताता है। यह सरकार के अनुपालन को कड़ाई से पालन करने तथा कर चोरी रोकने के लिए किए गए उपायों का यह नतीजा है।
जीएसटी संग्रह फरवरी में 1.13 लाख करोड़ रुपए तथा जनवरी में 1.19 लाख करोड़ रुपए से अधिक था। वहीं दिसंबर 2020 में यह 1.15 लाख करोड़ रुपए, नवंबर में 1.04 लाख करोड़ रुपए, अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपए तथा सितंबर में 95,480 करोड़ रुपए था।