नई दिल्ली। जीएसटी परिषद (Gst Council) अगले सप्ताह होने वाली अपनी बैठक (Gst Meeting) में मासिक कर भुगतान फॉर्म 'जीएसटीआर-3बी' (GSTR - 3B) में बदलाव करने संबंधी प्रस्ताव पर विचार कर सकती है। इसमें स्वत: बिक्री रिटर्न से संबंधित आपूर्ति आंकड़ें और कर भुगतान तालिका शामिल होगा जिसमें बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
जाली बिलों पर लगेगा अंकुश
इस कदम से जाली बिलों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। दरअसल विक्रेता जीएसटीआर-1 (GSTR - 1) में अधिक बिक्री दिखाते हैं जिससे खरीदार इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर सकें लेकिन जीएसटीआर-3बी में कम बिक्री दिखाते हैं ताकि जीएसटी देनदारी कम रहे।
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GSTR - 3B में स्वत: तैयार होते हैं इनपुट टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट
करदाताओं के लिए मौजूदा जीएसटीआर-3बी में इनपुट टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट स्वत: तैयार होते हैं जो बी2बी (कंपनियों के बीच) आपूर्तियों पर आधारित होते हैं। इसमें जीएसटीआर-ए और 3बी में विसंगति पाए जाने पर उसे रेखांकित भी किया जाता है।
आसान होगी जीएसटीआर-3बी फाइलिंग की प्रक्रिया
जीएसटी परिषद की विधि समिति ने जिन परिवर्तनों का प्रस्ताव दिया है उनके मुताबिक जीएसटीआर-1 से मूल्यों की स्वत: गणना जीएसटीआर-3बी में होगी और इस तरह करदाताओं और कर अधिकारियों के लिए यह और अधिक स्पष्ट हो जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि इन बदलावों से जीएसटीआर-3बी में उपयोगकर्ता की तरफ से जानकारी देने की आवश्यकता न्यूनतम रह जाएगी और जीएसटीआर-3बी फाइलिंग की प्रक्रिया भी आसान होगी।
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