नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि सरकार एयरलाइन संचालन नहीं करेगी और एयरलाइन का संचालन प्राइवेट सेक्टर द्वारा ही किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से एयर इंडिया को प्राइवेट करने और एविएशन सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई करने की योजना में है। बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार इससे पहले भी एयरइंडिया को बेचने का एक प्रयास कर चुकी है, लेकिन सेल्स के जुड़ी विभिन्न शर्तों के कारण सरकार इस एयरलाइन को बेच नहीं सकी थी।
इस बार सरकार ने इस एयरलाइन से बाहर निकलने का फैसला कर लिया है। कैबिनेट सेक्रेटरी पीके सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में एयरलाइन में मौजूद सरकार के 95 फीसदी स्टेक बेचने का फैसला किया है। हरदीप पुरी ने कहा कि एयरइंडिया के शानदार एयरलाइन, आप इस फैसले को कैसे देखते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन हम इस प्रावेटाइज करना चाहते हैं।
एयरलाइन को बेचने का प्लान गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली टीम को भेजा जाएगा, जिसके बाद एयर इंडिया को बेचने, उसकी कीमत, शेयर और बेचने के वक्त पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। केंद्र 5 फीसदी स्टेक परमानेंट कर्मचारियों के बचाकर रखेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईओआई अक्टूबर के पहले हफ्ते में जारी हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया को खरीदने में लोग की रुचि है। इसके अतिरिक्त एटीएफ के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने पर काम कर रही है। जल्द ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस संबंध में एक नोट भेजा जाएगा। एयर इंडिया के ऊपर 4500 करोड़ रुपए का तेल कंपनियों का भुगतान बाकी है। जिसके कारण तेल कंपनियों ने 6 एयरपोर्ट- कोची, पुणे, पटना, रांचि, विशाखापट्टनम और मोहाली में एयरलाइन को तेल देना बंद कर दिया है।