- सात हाई स्पीड रेल कॉरिडोर्स बनाया जाएगा
- भारतीय रेलवे NHAI के साथ मिलकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगा
- भारतीय रेलवे देश में 7 हाई स्पीड रेल रूटों का खाका तैयार करने की प्रक्रिया में है
High-speed bullet train on seven new routes : भारतीय रेलवे प्रगित की ओर लगातार अग्रसर है। लगता है कोरोना काल को अवसर में बदलने का फैसला किया है। इसलिए नए-नए फैसले लिए जा रहे हैं। अब देश में जल्द ही 7 नए रूटों पर हाई-स्पीड बुलेट ट्रेनों का एक विशाल नेटवर्क तैयार होने वाला है और इस परियोजना को गति देने के लिए, भारतीय रेलवे, नेशनल हाईवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के साथ मिलकर एक्स्ट्रा जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में रेल परिवहन नेटवर्क के समग्र विकास के लिए NHAI जल्द ही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के साथ हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए ट्रैक बिछाने के लिए जमीन का अधिग्रहण करेगा। अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण करने का फैसला केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व वाले ग्रुप ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर मिनिस्टर्स की हालिया बैठक के दौरान लिया गया।
इंफ्रा सेक्टर ग्रुप की बैठक के दौरान, यह फैसला लिया गया कि NHAI जमीन अधिग्रहण का कार्यभार संभालेगी और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक 4 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया। यह चार सदस्यीय टास्क फोर्स जमीन अधिग्रहण करने और लागत शेयर करने के तौर-तरीकों पर काम करेगा। गौर हो कि भारतीय रेलवे देश में 7 हाई स्पीड रेल रूटों का खाका तैयार करने की प्रक्रिया में है। रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय रेलवे देश के 7 महत्वपूर्ण नए रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है।
सात हाई स्पीड रेल कॉरिडोर्स दिल्ली से वाराणसी वाया नोएडा, आगरा और लखनऊ, वाराणसी से पटना होते हुए हावड़ा, दिल्ली से जयपुर और उदयपुर होते हुए अहमदाबाद, दिल्ली से चंडीगढ़, लुधियाना और जालंधर होते हुए अमृतसर, मुंबई से नासिक होते हुए नागपुर, मुम्बई से पुणे होते हुए हैदराबाद और चेन्नई से बैंगलोर होते हुए मैसूर तक बनाए जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने NHAI को बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 7 हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का डिटेल दिया है, जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस बड़े प्लानिंग के अभ्यास के लिए NHAI को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा गया है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि दो बड़े टिकट परियोजनाएं समर्पित फ्रेट कॉरिडोर और बुलेट ट्रेन परियोजना देश में रेल परिचालन में एक सामान्य बदलाव के उद्देश्य में कोरोना वायरस संकट के बावजूद देरी नहीं होगी। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब देश में अधिकांश बुनियादी ढांचा परियोजनाएं लॉकडाउन की वजह देरी का सामना कर रही हैं, जो कि श्रम की कमी और आर्थिक मंदी से जुड़ी है।
वर्तमान में रेलवे के 81,000 करोड़ रुपए के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। यह रेलवे का सिंगल लारजेस्ट डवलपमेंट प्रोजेक्ट है। यह ईस्टर्न डीएफसी में है। 1,839 किलोमीटर लंबी फ्रेट कॉरिडोर लाइन पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के कोलकाता के पास दनकुनी के लिए है और 1483 किमी WDFC या पश्चिमी गलियारा भारत की राजधानी दिल्ली और मुंबई को जोड़ता है।