- जुलाई 2022 में सरकार का खजाना और बढ़ गया।
- पिछले महीने GST कलेक्शन 28 फीसदी बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये रहा।
- टैक्स चोरी पर अंकुश लगाने से जीएसटी संग्रह बढ़ा है।
नई दिल्ली। देश में कुछ प्रोडक्ट्स को लेकर अब भी कन्फयूजन है कि इन पर किस दर पर टैक्स लगता है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने स्पष्ट किया है कि आइसक्रीम पार्लर्स (Ice-cream parlours) पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 18 फीसदी जीएसटी लगेगा, चाहे वह पार्लर या किसी अन्य आउटलेट द्वारा बेचा गया हो। इस संदर्भ में फेडरल टैक्स बॉडी ने एक सर्कुलर में उल्लेख किया है कि बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के 5 फीसदी की दर से जीएसटी को आकर्षित करने वाले आइसक्रीम पार्लर्स के पिछले कर बकाया को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने के लिए भुगतान किए गए जीएसटी के रूप में माना जाएगा। केंद्र ने आइसक्रीम पार्लर्स को राहत दी क्योंकि 18 फीसदी जीएसटी रेट्रोस्पेक्टिव रूप से प्रभावी नहीं है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि उच्च दर 6 अक्टूबर 2021 से प्रभावी है।
18 फीसदी जीएसटी क्यों?
पिछले साल सितंबर में जीएसटी परिषद (GSTC) ने आइसक्रीम पार्लर्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी, न कि इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना 5 फीसदी की दर से। यह रेखांकित किया गया कि ये कोई प्रोडक्ट या रेस्टोरेंट नहीं हैं, बल्कि पहले से ही निर्मित प्रोडक्ट्स हैं इसलिए उच्च दर पर जीएसटी को आकर्षित करते हैं।
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वित्त मंत्री ने हाल ही में संसद में जीएसटी पर बड़ा बयान दिया था -
इन प्रोडक्ट्स को जीएसटी से छूट
इसके अलावा सर्कुलर में, वित्त मंत्रालय ने कहा कि एंट्रेंस या एड्मिशन के लिए छात्रों से ली गई राशि या शुल्क, या पात्रता सर्टिफिकेट जारी करने और नेपाल एवं भूटान दोनों से ट्रांजिट कार्गो से जुड़ी सर्विसेज को जीएसटी से छूट दी गई है।