- भारतीय रेलवे जीरो बेस्ड टाइम टेबल को अमल में ला सकता है
- ट्रेनें सही समय पर पहुंचे इसके लिए हॉल्ट की संख्या में की जा सकती है कमी
- 151 निजी ट्रेनें जीरो बेस्ड टाइम टेबल पर ही चलाई जाएंगी।
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे (Indian railway) की एक सामान्य तस्वीर यही है कि ट्रेनें कभी समय पर अपने गंतव्य पर नहीं पहुंचती है। लोग स्टेशन पर जाते हैं कि तो उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ जाता है। इसकी वजह से न केवल समय और धन की बर्बादी होती है बल्कि एक लिहाज से सुरक्षा को भी खतरा रहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब भारतीय रेल न सिर्फ कायाकल्प की दिशा में बढ़ चुकी है बल्कि टाइमटेबल(time table) को लेकर भी काम किया जा रहा है कि ताकि ट्रेन सही समय पर गंतव्य पर पहुंच सकें।
जीरो बेस्ड न्यू टाइम टेबल पर विचार
जीरो बेस्ड आधारित सभी ट्रेनों के लिए एक नया टाइमटेबल बना रहा है। इसका मतलब यह है कि सभी यात्री ट्रेनों की समयसारणी और उनकी फीक्वेंसी एक बार फिर से तैयार होगी। बताया जा रहा है कि रेलवे अपनी सभी मेल एक्सप्रेस और दूसरे ट्रेनों के हॉल्ट को कम करने की कोशिश कर रहा है ताकि ट्रेनों को गंतव्य तक पहुंचने में देरी न हो। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने कहा था कि कोरोना महामारी की वजह से फैसले को अमल में लाने में देरी हुई। लेकिन इसे लागू किया जाएगा।
हाल्ट की संख्या में की जा सकती है कमी
बताया जा रहा है कि कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों और मेल ट्रेनों के ठहराव को बाद में तय किया जाएगा। सबसे पहले इस बात को देखा जाएगा कि जिन हॉल्ट को खत्म किया जाएगा वहां से कितने यात्री ट्रेन में सवार या उतरते हैं। जानकार कहते हैं कि यह देखा गया है कि पूर्व में सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए हाल्ट का चयन किया गया और उसकी वजह से तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। जानकार यह भी बताते हैं कि अगर जीरो बेस्ड सिस्टम को अमल में लाया गया तो ट्रेनें लंबी दूरी तक नॉन स्टॉप पटरी पर दौड़ सकेंगी। यह भी कहा जा रहा है कि जिम 151 निजी ट्रेनों का संचालन निजी कंपनियां करेंगी वो जीरो बेस्ट टाइमटेबल का हिस्सा बनेंगी।