- अंबानी ने विदेशी संपत्तियों के बारे में आयकर रिटर्न में जानकारी नहीं दी।
- अनिल अंबानी पर काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप है।
- कर अधिकारियों के अनुसार इस तरह की चूक जानबूझकर की गई है।
नई दिल्ली। काला धन कानून (Black Money Act) के तहत आयकर विभाग ने टैक्स चोरी को लेकर रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) के खिलाफ मामला चलाने के लिये नोटिस जारी किया है। आयकर विभाग ने दो स्विस बैंक अकाउंट में रखे 814 करोड़ रुपये से ज्यादा के अघोषित धन पर 420 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी करने के आरोप में रिलायंस ग्रुप के अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है।
कारण बताओ नोटिस जारी
आयकर विभाग ने अंबानी पर जानबूझकर टैक्स नहीं चुकाने का आरोप लगाया है। ममाले में विभाग ने कहा कि उद्योगपति ने विदेश में बैंक अकाउंट और वित्तीय हितों का ब्योरा टैक्स अधिकारियों को नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में अंबानी को इसी महीने की शुरुआत में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। आरोप लगा है कि अनिल अंबानी ने वित्त वर्ष 2012-13 से 2019-20 के दौरान विदेश में अघोषित संपत्ति रख टैक्स चोरी की है।
10 साल कारावास की सजा का प्रविधान
विभाग ने कहा है कि 63 वर्षीय अनिल अंबानी के खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी इनकम और एसेट) कर अधिरोपण अधिनियम 2015 की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाने के मामला बनता है। इस मामले में जुर्माने के अलावा ज्यादा से ज्यादा 10 साल की सजा का प्रावधान है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से भेजे गए नोटिस के मुताबिक, टैक्स अधिकारियों को पता चला कि अंबानी बहामास स्थित इकाई डॉयमंड ट्रस्ट और एक अन्य कंपनी नॉर्दर्न एटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (NATU) में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ-साथ लाभार्थी मालिक भी हैं। एनएटीयू का गठन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में किया गया था। बहामास ट्रस्ट के मामले में पाया गया कि यह ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम की कंपनी थी। स्विस बैंक में अकाउंट कंपनी का है। अकाउंट में 31 दिसंबर 2007 को 3.2 करोड़ डॉलर यानी 32,095,600 डॉलर की राशि थी।
शुरुआत में ट्रस्ट को 2.5 करोड़ डॉलर की फाइनेंसिंग प्राप्त हुई थी, जिसका स्रोत अंबानी का 'पर्सनल अकाउंट' था। साल 2006 में अंबानी ने इस ट्रस्ट को खोलने के लिए KYC दस्तावेज के रूप में अपना पासपोर्ट दिया था। ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं।