- 5 लाख रुपये से कम आय होने पर इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
- हाउस रेंट अलाउंस कर योग्य आय को 2 लाख रुपये तक कम कर देगा।
- हेल्थ इंश्योरेंस आपकी कर योग्य आय को 25,000 रुपये कम कर सकता है।
Income Tax Savings: अगर आपकी सालाना सैलरी 10 लाख रुपये से ज्यादा है, तो आपको अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में देना पड़ता है। लेकिन अच्छी प्लानिंग करके आप 10 लाख की सालाना इनकम पर टैक्स देने से बच (Tax Saving Tips) सकते हैं। सरकार द्वारा दिए गए टैक्स छूट का फायदा उठाकर आप टैक्स देनदारी की टेंशन से मुक्त हो सकते हैं। यानी इतनी आयवहोने के बाद भी आपको 1 रुपये भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा। आइए जानते हैं कैसे।
मान लीजिए कि एक व्यक्ति की सालाना आय 10 लाख रुपये है और ब्याज आय 20,000 रुपये है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण उसकी 9.7 लाख रुपये की वार्षिक आय कर योग्य हो जाएगी।
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धारा 80C और 80CCD(1b) के तहत बचाएं 2 लाख रुपये
धारा 80सी के तहत टैक्स सेविंग निवेश कर योग्य आय को 1.50 लाख रुपये तक कम कर सकता है। इसके लिए आप ईपीएफ (EPF), पीपीएफ (PPF), ईएलएसएस (ELSS), एनएससी (NSC) में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा दो बच्चों की ट्यूशन फीस भी शामिल कर सकते हैं। धारा 80CCD(1b) के तहत राष्ट्रीय पेंशन योजना में निवेश करके अतिरिक्त 50,000 रुपये बचा सकते हैं। इन दो कटौतियों से कर योग्य आय घटकर 7.7 लाख रुपये प्रति वर्ष हो जाएगी।
HRA के तहत 2 लाख रुपये की कटौती
इसके अलावा होम लोन या हाउस रेंट अलाउंस (HRA) कर योग्य आय को 2 लाख रुपये तक कम कर देगा, जिसके बाद प्रभावी कर योग्य आय घटकर 5.7 लाख रुपये हो जाएगी।
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इंश्योरेंस से 75000 रुपये कम होगी कर योग्य आय
हेल्थ इंश्योरेंस, जो कोविड के बाद विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो गया है, कर योग्य आय को और 25,000 रुपये कम कर सकता है। इसके अलावा करदाता बुजुर्ग माता-पिता के बीमा के लिए भुगतान किए गए अन्य 50,000 रुपये का दावा कर सकते हैं। इन दोनों कटौतियों का दावा करने के बाद, कर योग्य आय घटकर 4.95 लाख रुपये हो जाएगी।
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कर योग्य आय 5 लाख रुपये से कम होने पर इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है क्योंकि यह धारा 87A के तहत पूर्ण छूट के लिए पात्र है। इन सभी कटौती का उपयोग करने के बाद, करदाता एक साल में 10 लाख रुपये की आय पर देय टैक्स को शून्य कर सकता है।