- श्रीलंका चीन के कर्ज के कुचक्र में फंसा है।
- दूसरे देशों की तुलना में आम तौर पर चीन का कर्ज महंगा होता है।
- दूसरे देशों की तुलना में आम तौर पर चीन का कर्ज महंगा होता है।
नई दिल्ली। पड़ोसी देश श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक दौर का सामना कर रहा है। श्रीलंका को इस संकट से निपटने में भारत मदद कर रहा है। भारतीय उच्चायोग ने ने मंगलवार को जानकारी दी है कि देश ने कर्ज में डूबे श्रीलंका के लिए लोन सुविधा और द्विपक्षीय मुद्रा की अदला-बदली व्यवस्था के तहत तीन अरब डॉलर से भी ज्यादा की सहायता की है।
पहले भी की थी सहायता
इतना ही नहीं, सोमवार को ही भारत ने श्रीलंका को ईंधन खरीद के लिए 20 करोड़ डॉलर की लोन सुविधा भी दी थी। मालूम हो कि श्रीलंका ना सिर्फ आर्थिक संकट, बल्कि खाने-पीने की वस्तुओं की किल्लत का भी सामना कर रहा है। ऐसे में भारत ने पिछले महीने श्रीलंका को बड़ा राहत दी थी। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि खाद्यान्न, दवाएं और बाकी के जरूरी सामान खरीदने को लेकर एक अरब डॉलर की लोन सुविधा पहले से ही जारी है। भारत ने 16,000 टन चावल की आपूर्ति की, जिसका डिस्ट्रिब्यूशन किया जा रहा है।
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श्रीलंका को 2022 में दी गई तीन अरब डॉलर की सहायता में एक अरब डॉलर की लोन सुविधा जरूरी सामान खरीदने के लिए है, 50 करोड़ डॉलर की लोन सुविधा पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने के लिए है और 40 करोड़ डॉलर द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली सुविधा के लिए है।
कैसे संकट में फंसा श्रीलंका?
श्रीलंका में हालात इतने खराब हैं कि वहां खाने-पीने की चीजों की भी किल्लत हो गई है। आर्थिक तंगी से परेशान लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। पेट्रोल पंप पर सेना के जरिए सीमित मात्रा में ईंधन की सप्लाई की हई। खाद्य महंगाई दर 30 फीसदी तक पहुंच गई। श्रीलंका के गंभीर संकट में फंसने की सबसे बड़ी वजहों में से एक चीन का कर्ज है।