- अक्टूबर से दिसंबर 2021 में चीन की अर्थव्यवस्था 4 फीसदी बढ़ी।
- औद्योगिक कर्मचारियों की खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 5.84 फीसदी पर पहुंच गई।
- कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच के अंतर को देश का राजकोषीय घाटा कहते हैं।
India GDP: सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर 2021 तिमाही (GDP Data for 3rd Quarter) के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े जारी कर दिए हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही।
2021-22 में 8.9 फीसदी रहेगी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर: सरकार
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 की इसी अवधि में सकल घरेलू उत्पाद में 0.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी। नेशनल अकाउंट के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में, एनएसओ ने 2021-22 में 8.9 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया है। जनवरी में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमानों में, इसने 2021-22 के लिए 9.2 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा है कि 2021-22 में भारत की वास्तविक जीडीपी 147.72 लाख करोड़ रुपये होगी।
इतना रहा राजकोषीय घाटा
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) जनवरी के अंत में वित्त वर्ष 2021-22 के वार्षिक बजट लक्ष्य का 58.9 फीसदी था। वहीं पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 2020-21 के संशोधित अनुमानों का 66.8 फीसदी था। सरकारी डेटा के अनुसार, अप्रैल और जनवरी के बीच भारत का राजकोषीय घाटा बढ़कर 9.38 ट्रिलियन रुपये (124.6 अरब डॉलर) रहा। जनवरी के अंत में कुल प्राप्तियां 18.71 लाख करोड़ रुपये थीं।
आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का उत्पादन
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोयला, प्राकृतिक गैस और सीमेंट उद्योगों के बेहतर प्रदर्शन के कारण आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का उत्पादन जनवरी में 3.7 फीसदी बढ़ा, जो पिछले साल इसी महीने में 1.3 फीसदी था। जनवरी में कच्चे तेल और फर्टिलाइजर उत्पादन में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। दिसंबर 2021 में कोर सेक्टर के उद्योगों में 4.1 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्रों - कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, फर्टिलाइजर, इस्पात, सीमेंट और बिजली - की विकास दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान 11.6 फीसदी रही। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में कोयले का उत्पादन 8.2 फीसदी, प्राकृतिक गैस में 11.7 फीसदी, रिफाइनरी उत्पादों में 3.7 फीसदी और सीमेंट का उत्पादन 13.6 फीसदी बढ़ा।