अहमदाबाद: मोटेरा स्टेडियम में 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश एक 'अविश्वसनीय' व्यापार समझौते के शुरुआती चरण में हैं। यह करार निवेश की अड़चनों को दूर करेगा।उन्होंने कहा, 'अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी और मैं दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को विस्तार देने के अपने प्रयासों पर चर्चा करेंगे। हम अब तक हुए सबसे बड़ा बड़ा व्यापार करार करेंगे।'
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी को काफी सख्त वार्ताकार बताते हुए कहा , 'हम अमेरिका और भारत के बीच निवेश की बाधाओं को दूर करने के लिए एक अविश्वसनीय व्यापार करार के लिए बातचीत के शुरुआती चरण में हैं। मैं इसे लेकर आशान्वित हूं कि एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री और मैं एक शानदार करार पर पहुंचेंगे। यह दोनों देशों के लिए न केवल अच्छा होगा, बल्कि शानदार होगा।'
'फलता-फूलता' अमेरिका न केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए काफी अच्छी बात
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अब भारत अमेरिका का प्रमुख निर्यात बाजार है। वहीं अमेरिकी भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। ट्रंप ने कहा कि 'फलता-फूलता' अमेरिका न केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए काफी अच्छी बात है। इसी वजह से हमें यह घोषणा करते हुए काफी खुशी हो रही है कि अमेरिका के इतिहास में आज हमारी अर्थव्यवस्था सबसे अच्छी है।
उन्होंने कहा, 'अमेरिका में हमने यह साबित किया है कि रोजगार और अवसरों को आकर्षित करने का सबसे अच्छा तरीका कंपनियों से बोझ हटाना, नए निवेश के रास्ते की अड़चनों को दूर करना, अनावश्यक नौकरशाही, लालफीताशाही, नियमनों और करों को समाप्त करना है।' ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश में पहले ही उल्लेखनीय सुधार किए हैं और दुनिया इस बात का इंतजार कर रही है कि भारत के कारोबारी माहौल में और तेजी से सुधार हो।
ट्रंप ने कहा, 'मोदी के नेतृत्व में यह हो रहा है। वह इसे करना चाहते हैं और तेजी से कर रहे हैं।' भारत के साथ व्यापार करार को लेकर ट्रंप का यह बयान इस दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है कि ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि उनकी यात्रा के दौरान समझौते की घोषणा होगी।हालांकि, दोनों देशों के अधिकारी राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील कृषि, डेयरी, डेटा संरक्षण और स्थानीयकरण, ई-कॉमर्स तथा अन्य क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को हल नहीं कर पाए हैं।
अमेरिका अपने कृषि उत्पादों के लिए भी अधिक बाजार पहुंच चाहता है
एक अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच करार परस्पर लाभ वाला होना चाहिए। इसमें भारत के हितों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।अधिकारी ने कहा कि व्यापार वार्ता के आगे बढ़ने के बीच अमेरिकी अपनी मांगों की सूची को और बढ़ा रहा है। अमेरिका जहां अपने डेयरी उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच चाहता है।
वहीं भारत उससे कह चुका है कि डेयरी और दुग्ध उत्पाद ऐसे जानवरों से नहीं लिए जाने चाहिए जिन्हें जानवरों के मांस और खून आदि से मिला चारा दिया जाता है, क्योंकि इससे भारत में समाज के एक बड़े वर्ग की भावना को ठेस पहुंच सकती है।
अमेरिका अपने कृषि उत्पादों अखरोट और सेब के लिए भी अधिक बाजार पहुंच चाहता है। इसके अलावा अमेरिका चिकित्सा उपकरणों मसलन कोरोनरी स्टेंट पर मूल्य सीमा को समाप्त करने की मांग कर रहा है। साथ ही वह 1,600 सीसी की बाइक पर सीमाशुल्क में उल्लेखनीय कटौती चाहता है।
इससे हर्ले डेविडसन जैसी कंपनियों को भारतीय बाजार में पैठ बढ़ाने में मदद मिलेगी। अमेरिका द्वारा भारत के साथ ऊंचे व्यापार घाटे को लेकर भी चिंता जताई जाती रही है।
यहां उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति कई बार भारत को 'शुल्कों का बादशाह' कह चुके हैं। हालांकि, इसका कड़ाई से विरोध करता रहा है।