- हाल ही में टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।
- एयर इंडिया ने हाल में केबिन क्रू के नए सदस्यों के लिए एक भर्ती अभियान शुरू किया था।
- एयर इंडिया नए विमान खरीदना और अपनी सर्विस में सुधार करना चाहती है।
नई दिल्ली। केबिन क्रू और कर्मचारियों के छुट्टी पर जाने की वजह से हाल ही में इंडिगो एयरलाइन (IndiGo) की सैकड़ों उड़ानों में देरी हुई थी। शनिवार को कंपनी की 900 फ्लाइट लेट हुईं यानी घरेलू उड़ानों में से 55 फीसदी उड़ानें देरी से चलीं। बजट वाहक रोजाना लगभग 1600 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती है। सूत्रों ने ईटी नाउ को बताया कि रविवार को भी एयरलाइन को कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में केबिन क्रू के मेंबर्स द्वारा बीमारी के नाम पर छुट्टी लेने की वजह से ऐसा हुआ। लेकिन उद्योग के सूत्रों ने कहा कि एयर इंडिया (Air India) के भर्ती अभियान का दूसरा चरण शनिवार को आयोजित किया गया था और केबिन क्रू के ज्यातर सदस्य इसके लिए गए थे।
नागर विमानन मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, इंडिगो की 45.2 फीसदी डोमेस्टिक उड़ानें शनिवार को समय पर संचालित हुईं। वहीं इस दिन एयर इंडिया, स्पाइसजेट, विस्तारा, गो फर्स्ट और एयर एशिया इंडिया की क्रमश: 77.1 फीसदी, 80.4 फीसदी, 86.3 फीसदी, 88 फीसदी और 92.3 फीसदी उड़ानों का परिचालन समय पर हुआ।
पहले कुछ पायलट्स को किया था निलंबित
उल्लेखनीय है कि अप्रैल में इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रोंजॉय दत्ता ने कहा था कि सैलरी बढ़ाना कठिन मुद्दा है, लेकिन एयरलाइन अपनी प्रतिस्पर्धी माहौल के आधार पर सैलरी की लगातार समीक्षा और समायोजन करेगी। अप्रैल में ही इंडिगो ने कुछ पायलट्स को निलंबित भी कर दिया था। ये कोविड-19 महामारी के चरम पर होने के दौरान सैलरी में की गई कटौती के विरोध में हड़ताल का प्लान बना रहे थे।
मामले में डीजीसीए ने क्या किया?
मामले में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि, 'हम इस मामले को देख रहे हैं।' डीजीसीए ने रविवार को बजट वाहक इंडिगो के खिलाफ कड़ा संज्ञान लिया और केबिन क्रू और कर्मचारियों की अनुपलब्धता की वजह से सैकड़ों उड़ानों में देरी पर स्पष्टीकरण भी मांगा।