नई दिल्ली: एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट प्लान के लिए जमाकर्ता को एकमुश्त वन टाइम राशि का भुगतान करने की जरुरत होती है। साथ ही समान मासिक किस्तें (ईएमआई) प्राप्त करना होता है। इसमें मूल राशि का हिस्सा और मूल राशि की कटौती पर ब्याज शामिल है, जो प्रत्येक तिमाही में चक्रवृद्धि ब्याज और हर महीने छूट देता है।
SBI एन्युटी डिपॉजिट प्लान कौन ओपन सकता है?
नाबालिगों समेत कोई भी व्यक्ति, एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट प्लान खोल सकता है। मोड ऑफ होल्डिंग सिंगल या ज्वाइंट हो सकता है। जबकि NRE या NGO कैटेगरी में कोई भी ग्राहक एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट प्लान नहीं खोल सकता है। एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट प्लान जमाकर्ता को वन टाइम एकमुश्त राशि का भुगतान करने और समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में समान प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।
एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट के लिए न्यूनतम जमा राशि प्रासंगिक अवधि के लिए न्यूनतम मासिक एन्युटी 1000 रुपए पर आधारित है। यानी 3 साल के लिए, न्यूनतम जमा राशि 36,000 रुपए है। हालांकि, इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है। SBI की इस स्कीम में 3 साल, 5 साल, 7 साल और 10 साल के लिए निवेश जा सकता है।
एसबीआई एन्युटी स्कीम के लिए ब्याज दर एसबीआई फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के समान है। मान लीजिए कि आप 5 साल के लिए फंड जमा करते हैं, तो आपको ब्याज केवल 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर लागू ब्याज दर के अनुसार मिलेगा। वर्तमान में एसबीआई 5 से 10 वर्षों में मैच्योर होने वाले जमा पर 5.40% ब्याज दर देता है। 3 से 5 साल से कम की अवधि के लिए एफडी में, एसबीआई 5.30% की ब्याज दर प्रदान करता है।
एन्युटी डिपॉजिट अकाउंट खोलने के लिए आप सेविंग, करंट या ओडी अकाउंट से डेबिट कर सकते हैं। डेबिट करने के लिए चुना गया अकाउंट इंटरनेट बैंकिंग चैनल के माध्यम से वैलिड लेनदेन अकाउंट होना चाहिए और निष्क्रिय या बंद खाता नहीं होना चाहिए।
एफडी की तरह, सीनियर सिटिजन को एसबीआई एन्युटी स्कीम में लागू दर से 50 आधार अंक (बीपीएस) प्राप्त होंगे। एसबीआई स्टाफ और एसबीआई पेंशनरों के लिए देय ब्याज दर लागू दर से 1% अधिक होगी।
देय ब्याज एसबीआई एन्युटी डिपॉजिट प्लान के लिए टीडीएस के अधीन होगा। ब्याज राशि की गणना सबसे कम रुपए के मूल्य के लिए होती है, इस वजह से अंतिम एन्युटी किस्त में भिन्नता हो सकती है।
एसबीआई इस स्कीम के साथ एक नामांकन सुविधा भी प्रदान करता है। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, विशेष मामलों पर एन्युटी की शेष राशि का 75 प्रतिशत तक ओवरड्राफ्ट या लोन दिया जा सकता है। लोन के वितरण के बाद, आगे एन्युटी भुगतान केवल लोन खाते में जमा किया जाता है।