- बचत ही निवेश का पहला रास्ता है
- बचत की बदौलत आप निवेश को भविष्य के लिए सुरक्षित कर सकते हैं
- परिवार में वित्तीय मैनेजमेंट को लेकर नए सिरे से सोचना होगा
शानू मेहता/नई दिल्ली: घर का बजट अक्सर मां या पत्नी ही तय करती हैं। इस बजट में खर्च से ज्यादा बचत की झलक देखने को मिलती है। घर में बचत का पहला पाठ मां से ही मिलता है। वो अपनी बचत किचन के डिब्बों से लेकर घर में कई जगह पर छिपाकर रखती हैं। कई बार ये रकम संकट के समय परिवार के काम आती है। अब धीरे-धीरे समय बदल रहा है। ऐसे में आपको अब परिवार में वित्तीय मैनेजमेंट को लेकर नए सिरे से सोचना होगा।
महंगाई एक टैक्स
सबसे पहले महंगाई की बात करते हैं। महंगाई वो टैक्स है जो आपको दिखता नहीं हैं पर आपके घर पर रखी नकदी पर लगता है। अगर आपके पास घर पर 1 साल से 50 हजार रुपए रखें और साल भर में महंगाई 8 फीसदी बढ़ी तो अब आपके 50 हजार रुपए की कीमत 4 हजार रुपए घट गई। मतलब आपके 50 हजार रुपए की कीमत 1 साल बाद घटकर 46 हजार रुपए ही रह गई। हम आमतौर पर बचत के सामने महंगाई को नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए सबसे पहला पाठ तो यही है कि अपनी बचत को महंगाई के टैक्स से बचाएं। बचत को आप निवेश कर महंगाई से बचा सकते हैं।
बचत से निवेश की तरफ कदम
अगर आप बचत कर रही हैं तो बहुत अच्छी बात है पर आप इसको निवेश नहीं कर रही हैं तो इससे आपका ही नुकसान हो रहा है। इस नुकसान से बचने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी बचत को निवेश करना। आजकल निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं लेकिन आपको ऐसी जगह निवेश करना है जहां आपको महंगाई से ज्यादा रिटर्न मिले। इसका अर्थ है अगर महंगाई 8 फीसदी है और आपने 5 फीसदी की ब्याज दर पर एफडी कर दी तो ये अच्छा कदम नहीं है। आपका निवेश महंगाई से लड़ नहीं सकेगा। इसलिए अपनी बचत म्युचूअल फंड, पीपीएफ, एनपीएस, शेयर और सोने में निवेश कर सकती हैं। तो अपनी बचत का एक हिस्सा आप यहां लगा सकती हैं। निवेश के बाद आपको खुद की और परिवार के स्वास्थ्य के बारे में सोचना होगा।
निवेश से भविष्य की सुरक्षा
भविष्य की सुरक्षा में सबसे पहले बात आती है इंश्योरेंस की। कई लोग इसको हल्के में लेते हैं पर ये बहुत जरूरी है। क्या आपके परिवार में कमाने वाले मुखिया ने टर्म इंश्योरेंस ले रखा है। अगर नहीं लिया है तो आपको इस पर तुरंत फैसला लेना चाहिए। अगर मुखिया को कुछ हुआ तो पूरा परिवार वित्तीय संकट में आ जाएगा। टर्म इंश्योरेंस महज मामूली खर्च में बड़ी वित्तीय सुरक्षा देता है। आजकल ऑनलाइन भी मिलता है। इसके साथ ही आपको हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में भी सोचना चाहिए। कोरोना का ही समय देख लीजिए मेडिकल का खर्च कितना बढ़ गया है। अगर आपके पास मेडिक्लेम बीमा नहीं तो आपकी बचत तो खत्म होगी ही आपको उधार भी लेना पड़ सकता है। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस को नजरअंदाज ना करें। आप अपनी बचत का दूसरा हिस्सा यहां लगा सकती हैं।
इमरजेंसी की तैयारी
इमरजेंसी की तैयारी के लिए आपके पास एक इमरजेंसी फंड होना चाहिए। ये इमरजेंसी फंड का अर्थ घर में अचानक पैसे की जरूरत आने पर उसकी तैयारी करना। जब इमरजेंसी आती है तो घर में रखी नकदी के बाद सबसे पहले सोने के गहनों पर नजर जाती है। सोना को आप कभी भी बेचकर तुरंत रकम का इंतजाम कर सकती हैं। इसलिए आपके गहने एक तरह का इमरजेंसी फंड है। आप थोड़ा-थोड़ा कर सोने में भी निवेश करें। ये हमेशा काम आता है। सोने के भाव की आप पिछले सालों से तुलना करेंगे तो इसने बहुत अच्छा रिटर्न दिया है। अगर ये इमरजेंसी में काम नहीं भी आया तो आपके गहनों की संख्या तो बढ़ ही रही है।
बजट बनाना
अगर आप घर का बजट बनाकर चलेंगी तो बचत जरूर होगी। इसके लिए आपको एक बार अपने किराना के सामान की लिस्ट, बिजली के उपयोग, मोबाइल, ब्रॉडबैंड का बिल और दूसरे छोटे-मोटे खर्चों की समीक्षा करनी होगी। कहीं आप मोबाइल और ब्रॉडबैंड पर तो अनावश्यक खर्च नहीं कर रहीं। दिन में 2 बार तो वॉशिंग मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है। ये देखने में छोटी लगती है पर अगर आप 1 साल में इनकी समीक्षा करेंगी तो आपको बड़ी बचत होगी।
बच्चों को भी दें बचत की शिक्षा
आजकल हर घर में बच्चों को पॉकेट मनी दी जाती है। इस पॉकेट मनी के साथ अगर आप धीरे-धीरे अपने बच्चों को भी वित्तीय मैनेजमेंट और बचत से जुड़ी छोटी-छोटी बाते बताएंगी तो उनके दिमाग में इसको लेकर जागरूकता बढ़ेगी। बच्चों को अगर बचपन से कोई बात सीखा दी जाए तो वो जिंदगीभर उसे याद रखते हैं। इसलिए आप जैसा करेंगी बच्चे भी वैसा ही सीखेंगे। आप बचत करेंगे और उन्हें इसकी महत्ता समझाएंगे तो वो भी इसको सीखेंगे
(लेखिका आईआईएम इंदौर में विजिटिंग फैकल्टी हैं और एमएमसी कनवर्ट की को-फाउंडर हैं)
(डिस्क्लेमर:ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए।_