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चंडीगढ़ से दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंचने में लगेंगे मात्र 2 घंटे, अभी लगते हैं 4 घंटे, जानिए कैसे

Updated Jul 15, 2020 | 11:06 IST

20000 crores highway projects : केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हरियाणा में इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत 20 हजार करोड़ रुपए की हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

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20 हजार करोड़ रुपए की हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
मुख्य बातें
  • हरियाणा में 20,000 करोड़ रुपए की 11 नेशनल हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
  • मकसद हरियाणा से पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लिए बेहतर संपर्क व्यवस्था सुनिश्चित करना है
  • बड़े शहरों में भीड़-भाड़ कम होगी और यात्रा में लगने वाले समय में भी कमी आएगी

नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हरियाणा में 20,000 करोड़ रुपए की 11 नेशनल हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं नए आर्थिक गलियारा से जुड़ी हैं। इस मौके पर गडकरी ने कहा कि हरियाणा के लोगों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे हरियाणा के साथ ही पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों से भी संपर्क में सुधार होगा। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं से बड़े शहरों में भीड़-भाड़ कम होगी और यात्रा में लगने वाले समय में भी कमी आएगी। उन्होंन कहा कि इससे चंडीगढ़ से दिल्ली हवाई अड्डे तक पहुंचने में लगभग 2 घंटे लगेंगे, जबकि वर्तमान में 4 घंटे लगते हैं। परियोजनाओं से समय, ईंधन और लागत की बचत होगी, साथ ही राज्य के पिछड़े इलाकों में विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार देश की प्रगति और संपन्नता के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस सरकार के शुरुआती दो साल में दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। 

गडकरी ने कहा कि नए आर्थिक गलियारा में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश किया जाएगा। इसका मकसद हरियाणा से पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लिए बेहतर संपर्क व्यवस्था सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इन हाईवे से बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा विकास का रास्ता साफ होगा और किसानों को बेहतर बाजार पहुंच मिलेगा। 

इन 11 परियोजनाओं में तीन का उद्घाटन किया गया। ये परियोजनाएं हैं... 

  1. 1183 करोड़ रुपए की लागत वाली नेशलन हाईवे संख्या (एनएच) 334बी के रोहना/हसनगढ़ से झज्जर खंड तक 35.45 किलोमीटर लंबे 4 लेन मार्ग, 
  2. 857 करोड़ रुपए की लागत वाली एनएच 71 के पंजाब-हरियाणा सीमा से जींद खंड तक 70 किलोमीटर लंबे मार्ग को 4 लेन किया जाना
  3.  200 करोड़ रुपए की लागत से एनएच 709 पर पेव्ड शोल्डर्स के साथ 85.36 किलोमीटर के 2 लेन जींद-करनाल मार्ग का निर्माण

17,000 करोड़ रुपए की लागत वाली 08 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई...

  1. इसमें 8,560 करोड़ रुपए की लागत से इस्माइलपुर से नारनौल तक 6 लेन के 227 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
  2. 1,524 करोड़ रुपए की लागत से एनएच 352 डब्ल्यू के 46 किलोमीटर लंबे 4 लेन गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी खंड
  3. 928 करोड़ रुपए की लागत से 14.4 किलोमीटर लंबे 4 लेन रेवाड़ी बाईपास परियोजनाएं

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने कहा कि इन परियोजनाओं से हरियाणा की प्रगति को गति मिलेगी। उपरियोजनाओं से समय, ईंधन और लागत की बचत होगी, साथ ही राज्य के पिछड़े इलाकों में विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

हरियाणा में चार बड़े गलियारे विकसित किए जा रहे हैं

वर्ष 2014 में हरियाणा में एनएच की लंबाई 2050 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 3,237 किलोमीटर हो गई है। राज्य में प्रति 1000 किलोमीटर में एनएच की 75 किलोमीटर सघनता देश के बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा है। हरियाणा में चार बड़े गलियारे विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें दो ब्राउनफील्ड परियोजनाएं जींद-गोहाना-सोनीपत और यूपी या हरियाणा सीमा-रोहना-झज्जर शामिल हैं। अन्य दो ग्रीनफील्ड परियोजनाएं- 304 किलोमीटर की अंबाला-कोटपुतली और 132 किलोमीटर की गुरुग्राम-रेवाड़ी-नारनौल-राजस्थान सीमा परियोजनाएं शामिल हैं। इनके अलावा हरियाणा के आसपास दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों में कई अहम परियोजनाएं शुरू की गई हैं। 

करीब एक लाख करोड़ रुपए की लागत से 1350 किलोमीटर का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, 30000 करोड़ रुपए की लागत से 600 किलोमीटर का दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, 8000 करोड़ रुपए की लागत से 30 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे, 1630 करोड़ रुपये की लागत से 21 किलोमीटर लंबा गुरुग्राम-सोहना मार्ग, 28 किलोमीटर लंबी अंबाला रिंग रोड और 30 किलोमीटर लंबी करनाल रिंग रोड। इसके अलावा, 410 किलोमीटर लंबी अन्य एनएच परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिन्हें अगले साल आवंटित किया जाएगा। अगले 2-3 साल में 60,000 करोड़ रुपए के निवेश से 1550 किलोमीटर लंबे हाईवे और एक्सप्रेस विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा, हरियाणा में भ-स्वामियों को मुआवजे के रूप में करीब 12,000 करोड़ रुपए वितरित किए जा रहे हैं।

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