- दुनिया में सिर्फ अल-सल्वाडोर ने ही बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकारा है।
- इसके अलावा किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं दिया है।
- भारत में जल्द ही केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा आएगी।
ITR to have column for crypto income: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी 2022 को संसद में पेश 2022-23 के बजट (Budget 2022) में डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर पर 30 फीसदी टैक्स की घोषणा की। इतना ही नहीं, सरकार ने इसके साथ ही सीमा से अधिक लेनदेन पर एक फीसदी टीडीएस लगाने की भी घोषणा की है। इसके अनुरूप, अगले साल से आयकर रिटर्न (Income Tax Return) फॉर्म में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से होने वाले लाभ और टैक्स के भुगतान के लिए एक अलग कॉलम होगा।
राजस्व सचिव ने दी जानकारी
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर हमेशा टैक्स लगता है और जो बजट में प्रस्तावित किया गया है वह कोई नया टैक्स नहीं है, बल्कि इस मुद्दे पर निश्चितता प्रदान करता है।
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50 लाख से अधिक की आय पर लगेगा इतना टैक्स
वित्त विधेयक में प्रावधान वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के टैक्सेशन से संबंधित है। यह क्रिप्टोकरेंसी के कराधान में निश्चितता लाने के लिए है। इस बीच, अगले वित्त वर्ष में देश में एक केंद्रीय बैंक समर्थित डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) आएगी। क्रिप्टोकरंसी से होने वाली 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स के साथ 15 फीसदी सरचार्ज का भुगतान भी करना होगा। उन्होंने कहा कि अगले साल से आयकर रिटर्न फॉर्म में क्रिप्टो से लाभ की घोषणा करने के लिए एक अलग कॉलम होगा।
कभी भी वैध मुद्रा नहीं बनेगी क्रिप्टोकरेंसी: वित्त सचिव
वहीं वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने साफ कहा है कि निजी डिजिटल मुद्रा यानी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी मुद्रा नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि कानून के हिसाब से वैध मुद्रा उसे कहा जाता है जिसका कर्ज के निपटान में स्वीकार किया जाता है। भारत किसी भी क्रिप्टो संपत्ति को वैध मुद्रा नहीं बनाएगा। सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का डिजिटल रुपया ही वैध मुद्रा होगा।