- केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाई
- पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपए तथा 10 रुपए की कटौती की
- कई बीजेपी शासित राज्यों ने भी वैट में कटौती की है
Pertol-Diesel Prices: केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रोल-डीजल के बढ़ती कीमतों से राहत दी है। केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपए और 10 रुपए की कटौती की। इस फैसले के बाद वित्त मंत्रालय ने राज्यों से पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का भी आग्रह किया। इसका असर हुआ और कुछ राज्यों में वैट में कमी की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया है कि यूपी में डीजल और पेट्रोल के दाम 12-12 रुपए प्रति लीटर कम होंगे। गुजरात में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तत्काल प्रभाव से 7 रुपए प्रति लीटर की कमी की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में पेट्रोल और डीजल पर वैट में 7 रुपये की कटौती
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त 7 रुपये कम करने का फैसला किया है, जिससे आज से पेट्रोल की कीमत 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल 17 रुपये प्रति लीटर कम हो गई है।
हिमाचल में वैट में की गई कमी
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करने को लेकर प्रदेश सरकार जल्द इसकी अधिसूचना जारी करेगी। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में तत्काल प्रभाव से 7 रुपए की कमी की घोषणा की। त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 7 रुपए की कमी करने की घोषणा की।
कर्नाटक और गोवा सरकार ने भी अपने-अपने राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 7 रुपए प्रति लीटर की कमी करने की घोषणा की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पेट्रोल पर वैट 2 रुपए प्रति लीटर कम करने की घोषणा की। मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि मणिपुर सरकार भी तत्काल प्रभाव से पेट्रोल और डीजल पर वैट 7 रुपए कम करेगी।
उत्पाद शुल्क में कमी के बाद साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मौजूदा 110.04 रुपए प्रति लीटर से घटकर 105.04 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत 98.42 रुपए प्रति लीटर से घटकर 88.42 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी। यह उत्पाद शुल्क में की गयी अब तक की सबसे अधिक कमी है और इससे साथ मार्च 2020 से मई 2020 के बीच पेट्रोल एवं डीजल पर करों में 13 रुपए और 16 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है। उत्पाद शुल्क में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपए प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।