- आर्थिक तंगी दूर करने के लिए कई सरकारी योजनाओं उपलब्ध हैं।
- केसीसी के जरिए कम ब्याज दरों पर लोन लिया जा सकता है।
- राष्ट्रव्यापी अभियान में इस साल 24 जून तक पात्र मछुआरों को 1.42 लाख केसीसी जारी किए गए।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार गांवों में लोगों की आय बढ़ाने के लिए जल्द ही बड़ा कदम उठा सकती है। दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सरकारी सेक्टर के बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के धारकों को आसान कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री से किसान क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा की। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बताया कि वित्त मंत्री ने इस बात पर मंथन किया कि कैसे संस्थागत ऋण इस सेक्टर को उपलब्ध कराया जा सकता है।
ऐसे होगा मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को फायदा
केंद्र ने साल 2018-19 के बजट में मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को उनकी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए केसीसी की सुविधा के विस्तार की घोषणा की थी। केसीसी सुविधा (Kisan Credit Card) से मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को जानवरों, पोल्ट्री पक्षियों, मछली, श्रिंप और अन्य जीवों के पालन और मछली पकड़ने की उनकी शॉर्ट टर्म क्रेडिट आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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जल्द डेयरी सेक्टर के लोगों को भी मिल सकता है केसीसी
दरअसल हाल ही में सरकारी सेक्टर के बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) के साथ करीब आधा दिन तक बैठक हुई थी। इस बैठक में वित्त मंत्री ने टेक्नोलॉजी को उन्नत बनाने में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की मदद करने को कहा है। इस संदर्भ में वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने कहा कि, 'मछली पकड़ने और डेयरी सेक्टर में लगे सभी लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने पर चर्चा की गई है।'
आगे उन्होंने कहा कि, 'एक अन्य सत्र में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर निर्णय लिया गया है कि प्रायोजक बैंकों को उन्हें डिजिटलीकरण और तकनीकी सुधार में मदद करनी चाहिए।' क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में अहम भूमिका है। इसके प्रायोजक बैंक सरकारी सेक्टर के बैंक और राज्य सरकारें हैं।
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