- यूपी में 6 जनवरी से तीन हफ्तों के लिए किसान कल्याण मिशन शुरू
- किसानों को कृषि से संबंधित जानकारी देने की पहल
- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का रखा गया है लक्ष्य
2022 कर किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है। उस मकसद को हासिल करने के लिए तरह तरह की योजनाओं पर काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों से संबंधित तीन कानून बनाये हैं यह बात अलग है कि किसानों का विरोध जारी है। लेकिन इन सबके बीच देश के सबसे बड़े सूबों में से एक उत्तर प्रदेश सरकार का तरफ से किसान कल्याण मिशन की शुरुआत की गई है। यह मिशन 6 जनवरी से 21 जनवरी तक चलाई जाएगी।
किसान इस तरह से होगा खुशहाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करना है। अब ईमानदारी से किसानों के लिए अब शासन नीतियां बनाता है। यह कार्यक्रम किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए किया जा रहा है और जब अन्नदाता खुशहाल होगा तो देश अपने आप खुशहाल हो जाएगा।
किसान कल्याण मिशन की खासियत
- किसान कल्याण मिशन के तहत 303 ब्लॉक में कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
- अगले हफ्ते भी 303 ब्लॉक में कार्यक्रम होंगे।
- 21 तारीख को 201 विकास खंड में किसान उपयोगी प्रदर्शन, कृषि मेले, वैज्ञानिक वार्ता और प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया जाएगा।
- किसान कल्याण मिशन के तहत सभी विकास खंड में गोष्ठी, प्रदर्शनी, मेला आयोजित किए जाएंगे.
- 6 जनवरी से शुरू होकर यह अभियान अगले तीन सप्ताह तक चलेगा।
- कृषि आधारित गतिविधियां जैसे पशुपालन, बागवानी आदि भी शामिल की गई हैं।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आधार नंबर, नाम या ऐसी किसी गलती को सुधारने के लिए अलग से शिविर लगाए जाएंगे।
क्या कहते हैं आंकड़े
सीएम योगी आदित्यनाथ बताते हैं कि प्रदेश में 2.35 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में गन्ना किसानों को 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कराया गया है। यह रकम अपने आप में इतनी ज्यादा है जितना कुछ राज्यों का वार्षिक बजट नहीं होता है। 2014 के बाद किसान देश के राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बना। मोदी सरकार ने केंद्रीय स्तर पर किसानों के हित के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम और योजनाएं बनाई और उसका नतीजा सामने है। किसान आत्महत्या नहीं कर रहा है।
आर्थिक हथियार के जरिए किसानों को संदेश
उत्तर प्रदेश सरकार के इस अभियान को उन किसान संगठनों को जवाब देने के संदर्भ में भी देखा जा रहा है जिनका आरोप है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों के जरिए किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर चुकी है। किसानों के भ्रम को दूर करने के केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से बार बार भरोसा दिया जा रहा है। लेकिन किसानों के कुछ संगठनों को ऐतराज है कि इस तरह की कवायद से लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है।