- अटल पेंशन योजना की शुरुआत 2015 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की थी
- असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए सामाजिक सुरक्षा स्कीम है
- इसमें भाग लेने के लिए उम्र 18 से 40 साल तक होनी चाहिए
- सरकारी कर्मचारी व इनकम टैक्स स्लैब में आने वाले इसमें भाग नहीं ले सकते
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बड़ी जनसंख्या को जीरो बैलेंस पर बैंकिंग लाभ पहुंचाने के बाद सरकार 2015-16 के आम बजट में नेशनल पेंशन योजना लेकर आई जिसे अटल पेंशन योजना के नाम से भी जाना जाता है। तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली के द्वारा पेश किए गए बजट में ये प्रावधान लाया गया था।
क्या है अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद व सामाजिक सुरक्षा की स्कीम है। इसका लाभ यै है कि इसमें निवेश करने से रिटायरमेंट के बाद लाभार्थी को खर्च के लिए नियमित आय मिलती है। इसका सबसे बड़ा लाभ ये है कि अगर लाभार्थी की असामयिक मृत्यु हो जाती है तो परिवार को इसका फायदा मिलता रहता है। लाभार्थी की मृत्यु हो जाए तो उसकी पत्नी या फिर पत्नी की मृत्यु हो जाए तो उनके बच्चों को इसका पेंशन मिलने का प्रावधान है।
कौन कर सकता है इसमें निवेश
इसमें कोई भी भारतीय निवेश कर सकता है। इसमें भाग लेने के लिए आपका बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है। साथ ही इसका आधार कार्ड से भी जुड़ा होना जरूरी है। खास बात ये है कि इसका लाभ उन्हीं लोगों को मिल सकता है जो इनकम टैक्स स्लैब से बाहर हैं।
इसमें निवेश करने के लिए कैंडिडेट की उम्र 18 से 40 साल तक होनी चाहिए, साथ ही कम से कम 20 साल तक इसमें निवेश करना होगा।
किन्हें मिलता है इसका लाभ
इस योजना के तहत कम से कम 1000 रुपए या अधिकतम 5000 रुपए मासिक पेंशन मिल सकता है। एस योजना के मुताबिक लाभार्थी की 60 साल की उम्र से उसे पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा। अगर कोई 18 साल की उम्र से निवेश करना शुरू करता है तो उसे हर महीने 210 रुपए का निवेश करना होगा। जिसके बाद उसे 60 साल की उम्र के बाद 5000 रुपए मासिक की पेंशन मिलेगी। जो सरकारी कर्मचारी हैं या इनकम टैक्स के स्लैब में आते हैं वे इसका हिस्सा नहीं बन सकते।