नई दिल्ली। भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि (Manufacturing Sector Activity) जून में नौ महीने के निम्न स्तर पर रही क्योंकि कीमतों के अधिक दबाव के बीच कुल बिक्री और उत्पादन की वृद्धि में नरमी देखने को मिली। एक मासिक सर्वे में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी। मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) जून में गिरकर 53.9 हो गया, जो मई में 54.6 था।
सुधार की ओर इशारा करते हैं पीएमआई आंकड़े
जून के पीएमआई आंकड़े लगातार 12वें महीने के लिए समग्र परिचालन परिस्थितियों में सुधार की ओर इशारा करते हैं। पीएमआई 50 से ऊपर होने का मतलब विस्तार होता है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।
विनिर्माण उद्योग के लिए अच्छी रही 2022-23 की पहली तिमाही
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में सहायक निदेशक (अर्थशास्त्र) पोलियाना डी लीमा ने कहा, '2022-23 की पहली तिमाही भारत के विनिर्माण उद्योग के लिए अच्छी रही, इस दौरान कीमतों के बढ़ते दबाव, ऊंची ब्याज दरें, रुपये का अवमूल्यन और चुनौतीपूर्ण भूराजनीतिक परिदृश्य के बावजूद क्षेत्र में जुझारूपन देखने को मिला जो उत्साहजनक है।'
लगातार चौथे महीने बढ़ा रोजगार
कारखानों से ऑर्डर और उत्पादन में जून में लगातार 12वें महीने बढ़ोतरी हुई हालांकि दोनों ही मामलों में विस्तार की दर नौ महीने के निम्न स्तर पर पहुंच गई। वृद्धि के पीछे मूल कारण मजबूत ग्राहकी है। सर्वे के मुताबिक मुद्रास्फीति संबंधी चिंताएं कारोबारी भरोसे पर लगातार हावी हो रही हैं और धारणा 27 महीने के निम्न स्तर पर पहुंच गई हैं। हालांकि, नौकरियों के मोर्चे पर, रोजगार लगातार चौथे महीने बढ़ा।