नयी दिल्ली: भारत में 60 प्रतिशत से अधिक मध्यम आय वाले घर खरीदारों को अगले 12 महीनों में अपने प्राथमिक आवास की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है। यह जानकारी नाइट फ्रैंक के एक सर्वेक्षण से मिली है।सर्वेक्षण में भाग लेने वाले लगभग 30 प्रतिशत ने आवास दरों में नौ प्रतिशत तक की वृद्धि की उम्मीद जताई है, जबकि 25 प्रतिशत ने कीमतों में 10- 19 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद जताई और छह प्रतिशत ने दरों में 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी होने का अनुमान जताया है।
नाइट फ्रैंक ने भारत के लिए दो-भाग का प्राथमिक सर्वेक्षण भी किया, जिसमें कुल 550 से अधिक लोगों से बात की गई।मूल्य परिदृश्य के बारे में, रिपोर्ट में कहा गया है कि 64 प्रतिशत उत्तरदाताओं को अगले 12 महीनों में अपने प्राथमिक निवास के मूल्य में वृद्धि की उम्मीद है।अन्य निष्कर्षों में, मुख्यधारा के भारतीय खंड के 32 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महामारी के परिणामस्वरूप अगले 12 महीनों में एक नए घर में जाने की इच्छा व्यक्त की।
रिपोर्ट में जोर दिया गया है कि काम का भविष्य न केवल वाणिज्यिक क्षेत्र के लिए बल्कि आवासीय क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, 'महामारी ने घरों के स्वामित्व के प्रति दृष्टिकोण को बदल दिया है।'
बैजल ने कहा कि हरे-भरे खुले स्थान, स्वास्थ्य सेवाओं और कार्यस्थल से निकटता जैसे कारकों ने भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, 'हमारे सर्वेक्षण में इसकी पुष्टि होती है कि भारतीय घर खरीदारों के सभी वर्गों में 32 प्रतिशत ने महामारी पूर्व के घर से अन्यत्र जाने की इच्छा जताई है।'