- मोदी सरकार 2.0 एक साल पूरा करने जा रही है
- एक साल के दौरान पीएम मोदी ने अब तक से सबसे बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया
- पीएम ने पैकेज का ऐलान करते हुए आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया
नई दिल्ली : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया। लेकिन इससे देश की आर्थिक गतिविधिया ठप हो गईं। अर्थव्यवस्था चरमरा गई। इससे देश को उबारने के लिए पीएम ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। यह ऐलान ना सिर्फ उनके दूसरे कार्यकाल का सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज है बल्कि 2014 में पहली बार सत्ता संभालने के बाद से उनके द्वारा सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज है। हालांकि विपक्षी दल इसने इसे आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के तौर पर धोखा बताया है। पीएम ने कहा कि यह पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। कांग्रेस का कहना है कि इस पैकेज में जनता के लिए जीडीपी का सिर्फ 1.5 से 2 प्रतिशत ही है।
पीएम ने पैकेज का ऐलान करते हुए आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के 5 स्तंभों अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, युवा आबादी या शक्ति और मांग को भी रेखांकित किया। पीएम मोदी ने कहा था कि इस पैकेज से देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को,आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। पीएम मोदी ने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में- लैंड, लेबर, लिक्वीडिटी, लॉ पर जो दिया गया है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए ऐलान
एमएसएमई सहित व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की आपातकालीन कार्यशील पूंजी सुविधा मिलेगी
कर्ज बोझ से दबे एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपए का लोन मिलेगा
‘एमएसएमई फंड ऑफ फंड्स’ के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपए की इक्विटी सुलभ कराई जाएगी
एमएसएमई की नई परिभाषा और एमएसएमई के लिए अन्य उपाय
200 करोड़ रुपए तक की सरकारी निविदाओं के लिए कोई वैश्विक निविदा नहीं
जून, जुलाई एवं अगस्त 2020 के वेतन महीनों के लिए व्यावसायिक और संगठित कामगारों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संबंधी सहायता 3 माह और बढ़ाई गई
ईपीएफओ द्वारा कवर किए जाने वाले सभी प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए ईपीएफ अंशदान को अगले 3 महीनों के लिए 12% से घटाकर 10% किया जाएगा
एनबीएफसी/एचएफसी/एमएफआई के लिए 30,000 करोड़ रुपए की विशेष तरलता योजना
एनबीएफसी/एमएफआई की देनदारियों के लिए 45,000 करोड़ रुपए की आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0
डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये की तरलता सुलभ कराई जाएगी
ईपीसी और रियायत समझौतों से जुड़े दायित्वों सहित अनुबंधात्मक दायित्वों को पूरा करने के लिए छह माह तक का समय विस्तार देकर ठेकेदारों को राहत दी गई
रियल एस्टेट परियोजनाओं को राहत, सभी पंजीकृत परियोजनाओं के लिए पंजीकरण और पूर्ण होने की तारीख को छह माह तक बढ़ाया जाएगा
व्यवसाय के लिए कर राहत, धर्मार्थ ट्रस्टों और गैर-कॉरपोरेट व्यवसायों एवं पेशों को लंबित आयकर रिफंड तुरंत जारी किए जाएंगे
वित्त वर्ष 2020-21 की शेष अवधि के लिए ‘स्रोत पर कर कटौती’ और ‘स्रोत पर संग्रहीत कर’ की दरों में 25% की कटौती
टैक्स संबंधी विभिन्न अनुपालनों के लिए अंतिम तिथियां बढ़ाई गईं। आकलन वर्ष 2020-21 के लिए सभी आयकर रिटर्न की अंतिम तारीख को 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ा दिया जाएगा। इसी तरह टैक्स ऑडिट की अंतिम तिथि को 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया जाएगा
प्रवासी मजदूरों, किसानों, छोटे कारोबारियों, रेहड़ी-पटरी वालों, गरीबों के लिए ऐलान
प्रवासियों को दो माह तक मुफ्त अनाज
प्रौद्योगिकी प्रणाली का उपयोग कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रवासी श्रमिक मार्च 2021 तक देशभर में उचित मूल्य की किसी भी दुकान से राशन (पीडीएस) प्राप्त कर सकें – एक राष्ट्र एक राशन कार्ड
प्रवासी श्रमिकों और शहरी गरीबों के लिए‘किफायती किराया आवास परिसरों के लिए योजना शुरू की जाएगी
‘शिशु मुद्रा’ के तहत कर्ज लेने वालों के लिए 12 माह तक 2 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी – 1500 करोड़ रुपये की राहत
रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर) के लिए 5000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा
पीएमएवाई (शहरी) के तहत एमआईजी के लिए ऋण संबद्ध सब्सिडी योजना के विस्तार के जरिए आवास सेक्टर और मध्यम आय वर्ग को 70,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन
कैम्पा फंड का उपयोग कर रोजगार सृजन के लिए 6,000 करोड़ रुपये
नाबार्ड के जरिए किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये के रियायती ऋण का प्रोत्साहन
कृषि, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टरों में सुधारों के लिए ऐलान
किसानों के लिए फार्म-गेट अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष
सूक्ष्म खाद्य उद्यमों (एमएफई) को औपचारिक रूप देने के लिए 10,000 करोड़ रुपए की योजना
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के जरिए मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रुपये
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
पशुपालन अवसंरचना विकास कोष बनाना - 15,000 करोड़ रुपये
हर्बल खेती को बढ़ावा: 4,000 करोड़ रुपये का परिव्यय
मधुमक्खी पालन की पहल - 500 करोड़ रुपये
‘टॉप’ से ‘टोटल’ तक - 500 करोड़ रुपये
कृषि क्षेत्र के लिए गवर्नेंस और प्रशासनिक सुधार के लिए उपाय
किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन
किसानों को विपणन के विकल्प प्रदान करने के लिए कृषि विपणन सुधार
कृषि उपज मूल्य और गुणवत्ता आश्वासन
आठ सेक्टरों में ढांचागत सुधार
कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन की शुरुआत
कोयला सेक्टर में विविध अवसर
कोयला क्षेत्र में उदार व्यवस्था
खनिज क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाना और नीतिगत सुधार
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाना
रक्षा उत्पादन में नीतिगत सुधार
नागरिक उड्डयन के लिए हवाई क्षेत्र का उत्तम प्रबंधन
पीपीपी के जरिए कई और विश्वस्तरीय हवाई अड्डे
भारत विमान रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार (एमआरओ) के लिए एक वैश्विक केंद्र बनेगा
बिजली क्षेत्र में टैरिफ संबंधी नीतिगत सुधार; केंद्र शासित प्रदेशों में विद्युत वितरण का निजीकरण
सामाजिक क्षेत्र में संशोधित व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना के जरिए निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देना
अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों में निजी भागीदारी को बढ़ावा देना
परमाणु ऊर्जा सेक्टर में सुधार
सात सेक्टरों में सरकारी सुधारों और सहायक उपायों का ऐलान
रोजगार को बढ़ावा देने हेतु मनरेगा के लिए आवंटन में 40,000 करोड़ रुपए की वृद्धि
भारत को भावी महामारियों हेतु तैयार करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी अन्य सुधार
‘कोविड’ के बाद समानता के साथ प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा
आईबीसी से संबंधित उपायों के जरिए ‘कारोबार में सुगमता’ बढ़ाई जाएगी
कंपनी अधिनियम से संबंधित डिफॉल्ट को अपराध की श्रेणी से हटाया गया
कंपनियों के लिए कारोबार करने में सुगमता
एक नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति
केवल वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधारी सीमा 3% से बढ़ाकर 5% की गई और राज्य स्तरीय सुधारों को बढ़ावा