- सोनिया गांधी ने कहा कि बेहद मुश्किल समय में मनरेगा बहुत उपयोगी है
- बीजेपी ने कहा कि यूपीए कार्यकाल में मनरेगा लूट का पर्यायवाची बन गई थी
- 'मोदी सरकार के 6 साल में मनरेगा में 3.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं'
नई दिल्ली : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग के बीच मोदी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2020-2021 के दौरान मनरेगा के तहत 1,01,500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह इस कार्यक्रम में आवंटित यह फंड अब तक का सर्वाधिक है। इससे प्रवासी मजदूरों को आसानी से रोजगार मिलेगा।
31,493 करोड़ रुपए पहले ही जारी
वित्तीय वर्ष 2020-2021 के दौरान 31,493 करोड़ रुपए की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है, जो चालू वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान के 50% से ज्यादा है।
अब तक 60.80 करोड़ श्रम दिवसों का सृजन
अब तक 60.80 करोड़ श्रम दिवसों का सृजन किया गया है और 6.69 करोड़ व्यक्तियों को काम दिया गया है। मई 2020 में औसतन 2.51 करोड़ व्यक्तियों को प्रतिदिन काम दिया गया, जो कि पिछले साल मई में प्रदान किए गए कार्य से 73 प्रतिशत अधिक है, जो 1.45 करोड़ व्यक्ति प्रतिदिन था।
अब तक कुल 10 लाख कार्य सम्पन्न
वित्तीय वर्ष 2020-2021 के दौरान अब तक कुल 10 लाख कार्य सम्पन्न किए जा चुके हैं। आजीविका को बढ़ावा देने के लिए जल संरक्षण और सिंचाई, वृक्षारोपण, बागवानी से संबंधित कार्यों तथा व्यक्तिगत लाभकारी कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ।
मोदी सरकार के 6 साल में मनरेगा में 3.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित
बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मोदी सरकार के 6 साल के कार्यकाल में मनरेगा के तहत 3.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जबकि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के 10 साल के शासनकाल में 1.75 लाख रुपए आवंटित किए गए थे। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने 40,000 करोड़ रुपए योजना के तहत आवंटित किए हैं, जो 2020-21 के बजट में पहले से ही आवंटित 61,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त हैं।
मुश्किल समय में मनरेगा शक्तिशाली व्यवस्था है- सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल में कहा कि सरकार इस बेहद मुश्किल समय में मनरेगा का उपयोग करे जो जीविका का साधन उपलब्ध कराने की एक शक्तिशाली व्यवस्था है। उन्होंने संसद में मनरेगा को यूपीए सरकार की विफलताओं का जीवित स्मारक बताने वाले प्रधानमंत्री मोदी के बयान का हवाला देते हुए यह भी कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है और इस वक्त लोगों के हाथों में सीधे पैसे देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले छह साल व उससे पहले भी मनरेगा की उपयोगिता साबित हुई है। मोदी सरकार ने इसकी आलोचना की, इसे कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन अंत में मनरेगा के लाभ व सार्थकता को स्वीकारना पड़ा। कोरोना महामारी के संकट के दौर में यह और ज्यादा प्रासंगिक है।
मोदी सरकार ने मनरेगा को और प्रभावी बनाया- बीजेपी
बीजेपी ने कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा को और प्रभावी बनाया है और इसमें से भ्रष्टाचार खत्म किया है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मनरेगा पर कुछ कहने से पहले, सोनिया गांधी और कांग्रेस नेताओं को मनरेगा के तहत आंवटित फंड को देखना चाहिए। रोजगार गारंटी योजना यूपीए कार्यकाल में लूट का पर्यायवाची बन गई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोगों ने दरकिनार कर दिया है और अपने आपको प्रासंगिक बनाने के लिए वह झूठे आरोप लगा रही है।