नई दिल्ली: आर्थिक पहलू पर भारत को वैश्विक रेटिंग एजेंसी के बड़ा झटका लगा है। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग को निगेटिव कर दिया है। मूडीज ने कम आर्थिक विकास दर का हवाला देते हुए भारत की रेटिंग को 'स्थिर' से घटाकर 'नकारात्मक' कर दिया। एजेंसी ने भारत के बजट घाटा को मार्च 2020 तक 3.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जो सरकार के 3.3 फीसदी के लक्ष्य से नीचे है। एजेंसी ने भारत के लिए बीएए2 विदेशी-मुद्रा एवं स्थानीय मुद्रा रेटिंग की पुष्टि की है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने कहा है, 'मूडीज द्वारा भारत के लिए आउटलुक को स्थिर से निगेटिव करना देश की आर्थिक वृद्धि पहले के मुकाबले कम होगी।' एजेंसी ने कहा कि पहले के मुकाबले भारत की आर्थिक वृद्धि के बहुत कम रहने की आशंका है।गौरतलब है कि इससे पहले मूडीज ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी अनुमान को 6.2 फीसदी से घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है। जबकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मूडीज के भारत की ग्रोथ रेट को 6.6 फीसदी रहने के अनुमान जताया है।
मूडीज ने एक बयान में कहा, 'परिदृश्य को नकारात्मक करने का मूडीज का फैसला आर्थिक वृद्धि के पहले के मुकाबले काफी कम रहने के बढ़ते जोखिम को दिखाता है। मूडीज के पूर्व अनुमान के मुकाबले वर्तमान की रेटिंग लंबे समय से चली आ रही आर्थिक एवं संस्थागत कमजोरी से निपटने में सरकार एवं नीति के प्रभाव को कम होते हुए दिखाती है। जिस कारण पहले ही उच्च स्तर पर पहुंचा कर्ज का बोझ धीरे-धीरे और बढ़ सकता है।'
हालांकि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए तमाम कदम उठा रही है, जिससे मदद मिलने की उम्मीद है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने मूडीज के रेटिंग के बाद ब्यान जारी कर भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बताया है। मंत्रालय की ओर से जारी ब्यान में कहा गया है, 'भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। मुद्रास्फीति के नियंत्रण में होने से और बॉन्ड यील्ड के कम होने से अर्थव्यवस्था का बुनियादी ढांचा काफी मजबूत हैं।'
मंत्रालय ने कहा है कि आईएमएफ ने अपने हालिया वर्ल्ड इकोनॉमी आउटलुक में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था साल 2019 मं 6.1 फीसदी की ग्रोथ रेट से बढ़ेगी, जो साल 2020 में 7 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। आईएमएफ और कई अन्य मल्टीलैट्रल ऑरगेनाइजेशन ने भारत की अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रखा है।