- पैसों और इंश्योरेंस से जुड़े ये नियम एक अगस्त से बदलने जा रहे हैं।
- जानिए किसकी डेडलाइन डेडलाइन खत्म हो रही है और कौन से नियम बदल रहे हैं।
- इनमें से कुछ की समयसीमा समाप्त हो रही है।
अगले महीने यानी 1 अगस्त से बहुत सारे बदलाव होने वाले हैं। ये बदलाव आपको फाइनेंसियली प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि उनके बारे में जान लें। एक अगस्त से ये बदलाव कुछ समयसीमा और कुछ नियमों से जुड़े हैं। बता दें कि 1 अगस्त से मिनिमम बैलेंस चार्ज से लेकर लॉन्ग टर्म मोटर व्हीकल इंश्योरेंस कवर पॉलिसी से जुड़े नियमों में बहुत कुछ बदल जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन सी डेडलाइन खत्म हो रही है और कौन सी नियम 1 अगस्त से बदल रहे हैं।
RBL बैंक की सेविंग्स अकाउंट- आरबीएल बैंक ने सेविंग्स अकाउंट की ब्याज दरों में बदलाव किया गया है और यह संशोधित दरें 1 अगस्त से लागू होंगी। हाल ही में हुए संशोधन के बाद ग्राहकों को अब सेविंग्स अकाउंट पर एक लाख रुपये तक की जमा राशि पर सालाना 4.75 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। दूसरी ओर, ग्राहकों को 1-10 लाख रुपये की जमा राशि पर 6 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये तक की जमा राशि पर 6.75 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
सस्ते होंगे कार और बाइक- मोटर व्हीकल इंश्योरेंस बदलने से नई कार या बाइक खरीदना अगले महीने से थोड़ा सस्ता हो जाएगा। कोरोना काल में लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कहा कि लॉन्ग टर्म पैकेज पॉलिसी के कारण नया वाहन खरीदना लोगों के लिए महंगा साबित होता है। अगर आप भी नई कार या मोटरसाइकिल खरीदना चाहते हैं, तो 1 अगस्त के बाद आपको ऑटो इंश्योरेंस पर कम पैसे खर्च करने होंगे। IRDAI मोटर थर्ड पार्टी और न थर्ड डैमेज इंश्योरेंस से संबंधित नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं। IRDAI के निर्देशों के अनुसार, तब से, नए कार खरीदारों को 3 और 5 वर्षों के लिए कार का बीमा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
LPG की कीमतों में आएंगे बदलाव- पिछले दो महीने से एलपीजी गैस की कीमतों में लगातार वृद्धि देखने को मिली हैं। हर महीने की पहली तारीख को कुकिंग गैस की कीमत में बदलाव होता है। ऐसे में अगस्त में एलपीजी की कीमत बढ़ती या घटती है, ये तो आने वाले एक तरीख को पता चलेगा।
SSY के जरिए मिलने वाली राहत खत्म होंगे- कोरोना संकट के बीच सरकार ने ऐलान किया था कि 25 मार्च से लेकर 30 जून 2020 के दौरान बच्चियां अगर 10 वर्ष की हो गईं तो उनका सुकन्या समृद्धि योजना(SSY) में अकाउंट 31 जुलाई तक खुलवाया जा सकता है।
मिनिमम बैलेंस नियमों में बदलाव- बैंक ऑफ महाराष्ट्र, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, और आरबीएल बैंक ने घोषणा की है कि वे न्यूनतम 1 अगस्त से नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। कुछ बैंक कैश निकालने और जमा करने पर फीस वसूलेंगे तो कई मिनिमम बैलेंस बढ़ाने की तैयारी में है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में, मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में बचत खाता रखने वाले खाताधारकों को अब खाते में न्यूनतम 2,000 रुपये रखने की आवश्यकता होगी। पहले यह राशि 1,500 रुपये हुआ करती थी, लेकिन नए नियम के अनुसार अगर राशि 2,000 रुपये से कम है, तो बैंक मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में जुर्माना के रूप में 75 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 50 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 रुपये प्रति माह चार्ज करेगा।
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए नियम- सरकार ने एक आदेश जारी किया है कि 1 अगस्त से सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर बेचे जाने वाले उत्पादों की देश के बारे में जानकारी देनी होगी। यानी अब उन्हें बताना होगा कि किस देश में उत्पाद बनाया गया है।
RD से जुड़ा नियम- पोस्ट ऑफिस रिकरिंग डिपॉजिट(RD)खाताधारकों को राहत प्रदान करने का फैसला किया था। इसके तहत खाताधारक मार्च, अप्रैल,मई और जून 2020 की किस्त आरडी 31 जुलाई 2020 तक अकाउंट में जमा कर सकते हैं। इसपर उनसे कोई रिवाइवल फीस और डिफॉल्ट फीस नहीं लिया जाएगा। अब इन नियमों की समयसीमा एक अगस्त से समाप्त होने जा रही है।
PPF और SCSS अकाउंट एक्सटेंशन- सरकार ने PPF और SCSS अकाउंट को एक्सटेंड कराने की समयसीमा बढ़ा दिया था। इसके तहत जो लोग अकाउंट एक्सटेंड कराना चाहते हैं वह 31 जुलाई 2020 तक करा सकते हैं। लेकिन लॉकडाउन में ही अकाउंट की मैच्योरिटी के बाद मिलने वाला एक साल का ग्रेस पीरियड खत्म हो गया है। ऐसे में जो एक्सटेंशन का फॉर्म जमा नहीं कर पाए थे वह 31 जुलाई 2020 तक जमा कर सकते हैं। लेकिन 1 अगस्त से यह अवधि समाप्त होने वाली है।
निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट
CBDT यानी सेंट्रल बोर्ड और डायरेक्ट टैक्स ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए PPF, NPS और LIC, जैसी स्कीम्स में निवेश कर टैक्स सेविंग करने की तारीख को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया था। इसका मतलब है इनकम टैक्स एक्ट के तहत जिन टैक्स पर छूट मिलती है अगर डेडलाइन तक इस तरह की स्कीम में निवेश करते हैं तो उस निवेश पर आप वित्त वर्ष 2019 से 20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम कर सकते हैं।