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भारत को महान बनाने के लिए पीएम मोदी ने उद्योगपतियों को बताए 5 प्रमुख तत्व

Updated Jun 02, 2020 | 13:37 IST

Narendra Modi at Annual Session of the CII: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उद्योग महासंघ (सीआईआई) के उद्यमियों को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि तेज विकास के लिए देश को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
नरेंद्र मोदी सीआईआई को संबोधित कर रहे हैं।
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने उद्योग जगत के दिग्गजों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया
  • पीएम मोदी ने कहा कि इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना हमारी प्राथमिकता है
  • पीएम मोदी ने कहा कि इंसान हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है

नई दिल्ली : कोविड-19 के संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने एवं उसे दोबारा पटरी पर लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने एवं आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में मंगलवार को इंडिया इंक से बातचीत की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्योग जगत की दिग्गज हस्तियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि देश लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक फेज-1 में प्रवेश कर चुका है। अर्थव्यवस्था का काफी हिस्सा खुल चुका है और आने वाले समय में यह और खुलेगा। ऐसा तभी संभव हो सका जब दुनिया में कोरोना अपना पैर पसार रहा था तो उस समय भारत ने सही समय पर सही तरीके से कही कदम उठाए।

पीएम मोदी ने कहा कि अब देश के strategic sectors में भी private players की भागीदारी एक Reality बन रही है। आप space sector में निवेश करना चाहें, atomic energy में नयी opportunities को तलाशना चाहें, possibilities आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई है। हर अवसर आपका इंतजार कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत को महान बनाने के लिए पांच प्रमुख तत्व इरादा (Intent), समावेश (Inclusion), निवेश (Investment), इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure), नवोन्मेष (Innovation) हैं। हमारे द्वारा हाल ही में लिए गए निर्णयों में सभी पांच तत्वों का प्रतिबिंब है। हमने सभी क्षेत्रों को भविष्य के लिए तैयार किया है। 

इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना प्राथमिकता

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना, हमारी उच्च प्राथमिकता में से एक है। इसके लिए सरकार जो फैसले अभी तुरंत लिए जाने जरूरी हैं, वो ले रही है। साथ में ऐसे भी फैसले लिए गए हैं जो Long Run में देश की मदद करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। अगर मैं कृषि सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था। 

इंसान की सबसे बड़ी ताकत

पीएम मोदी ने कहा कि ये इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि वो हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है। आज भी हमें जहां एक तरफ इस वायरस से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने हैं वहीं दूसरी तरफ इकॉनमी का भी ध्यान रखना है। हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्टेबलाइज करना है, स्पीड अप करना है। इस स्थिति में आपने “Getting Growth Back” की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं।

देश में ऐसे प्रोडक्टस बनें जो मेड फॉर वर्ल्ड हो

पीएम मोदी ने कहा कि अब जरूरत है कि देश में ऐसे प्रोडक्टस बनें जो Made in India हों, Made for the World हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में प्रोडक्टीविटी बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने ही होंगे।

रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए लेबर रिफॉर्म्स

पीएम मोदी ने कहा कि MSMEs की Definition स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है। इससे MSMEs बिना किसी चिंता के आगे बढ़ पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की जरूरत नहीं रहेगी। हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए लेबर रिफॉर्म्स भी किए जा रहे हैं। जिन नन स्ट्रेटेजिक सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है। 

गरीबों को 8 करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर फ्री में बांटे गए

पीएम मोदी ने कहा कि महिलाएं हों, दिव्यांग हों, बुजुर्ग हों, श्रमिक हों, हर किसी को इससे लाभ मिला है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को 8 करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ्त में बांटे गए हैं।

भारत में कोयले का प्रयाप्त भंडार

दुनिया का तीसरा वो देश जिसके पास बहुत बड़ी मात्रा में कोयले का भंडार हो, जिसके पास आप जैसे उद्यमी व्यापार जगत के लीडर्स हों, लेकिन फिर भी उस देश में बाहर से कोयला आए तो उसका कारण क्या है? अब कोल सेक्टरों को इन बंधनों से मुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
 

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