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Ventilators manufacturing: भारत के लिए अहम खबर, 3 भारतीय कंपनियों को वेंटिलेटर निर्माण के लिए नासा की अनुमति

Updated May 30, 2020 | 17:08 IST

Ventilators manufacturing in India: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वेंटिलेटर की भूमिका अहम है। अब नासा ने भारत की तीन कंपनियों को इसके निर्माण की अनुमति दी है।

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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वेंटिलेटर की भूमिका अहम
मुख्य बातें
  • कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वेंटिलेटर की भूमिका अहम
  • अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लि., भारत फोर्ज लि. और मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लि. को नासा ने दी अनुमति
  • जेएलपी के इंजीनियरों ने विशेष वेंटिलेटर वाइटल को किया है डिजाइन

वाशिंगटन। तीन भारतीय कंपनियों को अमेरिका के राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) से कोविड-19 के मरीजों के लिए वेंटिलेटर के विनिर्माण का लाइसेंस मिला है। ये तीन भारतीय कंपनियां...अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लि., भारत फोर्ज लि. और मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लि. हैं।
नासा की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। तीन भारतीय कंपनियों के अलावा 18 अन्य कंपनियों को भी यह लाइसेंस मिला है। इनमें आठ अमेरिका और तीन ब्राजील की कंपनियां शामिल हैं।

तीन भारतीय कंपनियों को अनुमति
नासा अमेरिका की अंतरिक्ष अनुसंधान, वैमानिकी और संबंधित कार्यक्रमों की स्वतंत्र एजेंसी है। नासा ने दक्षिण कैलिफोर्निया की जेट प्रॉपल्शन लैब (जेएलपी) में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए विशेष रूप से वेंटिलेटर विकसित किया है। जेएलपी के इंजीनियरों ने एक माह से कुछ अधिक समय में इस विशेष वेंटिलेटर ‘वाइटल’ को डिजाइन किया है। इसे अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशासन से 30 अप्रैल को ‘आपात प्रयोग की अनुमति’ मिल चुकी है।नासा का कहना है कि वाइटल को चिकित्सकों तथा चिकित्सा उपकरण विनिर्माण से सलाह लेकर विकसित किया गया है। कोरोना वायरस से अब तक अमेरिका में 1,02,836 लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में इस महामारी से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 17 लाख को पार कर चुका है।

धूम्रपान करने वालों को कोरोना संक्रमण का अधिक खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि धूम्रपान और तंबाकू के बने अन्य उत्पादों का सेवन करने वालों को कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक होता है। यही नहीं कोविड-19 से मरने वालों में दिल की बीमारी, कैंसर, सांस की बीमारी अथवा मधुमेह के शिकार लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या धूम्रपान करने वालों की भी होती है।

सुगर के मरीज और धूम्रपान करने वालों की इम्यूनिटी कमजोर
दिल्ली मधुमेह अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. ए के झींगन ने बताया कि किसी भी गंभीर बीमारी के शिकार लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य लोगों के मुकाबले कम होती है। ऐसे में वह किसी भी बीमारी की चपेट में जल्दी आते हैं। मोटापा, दमा, मधुमेह, दिल की बीमारी और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के साथ ही धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए कोविड-19 के अधिक घातक होने की बड़ी वजह यही है कि इनका शरीर वायरस के हमले का प्रतिरोध नहीं कर पाता और उनके फेफड़ों में पानी भरने और विभिन्न अंगों के निष्क्रिय होने के कारण तमाम तरह के इलाज और वेंटिलेटर के इस्तेमाल के बावजूद बीमारी जानलेवा हो जाती है।

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