- नेपाल सरकार के पास सात महीने से भी कम समय के आयात का समर्थन करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार है।
- खाद्य पदार्थों और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के बढ़ते आयात की वजह से नेपाल विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहा है।
- 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
Nepal Ban: श्रीलंका के बाद अब नेपाल में भी आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। इसके मद्देनजर नेपाल की सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पड़ोसी देश में लग्जरी प्रोडक्ट्स के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। विदेशी मुद्रा में भारी कमी और ज्यादा व्यापार घाटे की वजह से नेपाल की सरकार ने लग्जरी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाया।
इन सामानों पर लगाया प्रतिबंध
नेपाल ने औपचारिक रूप से व्हिस्की और तंबाकू ही नहीं, बल्कि कारों और अन्य लग्जरी सामानों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही नेपाल में दो सार्वजनिक छुट्टियों की भी शुरुआत की गई है। हालांकि सरकार का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत श्रीलंका की तरह नहीं होगी। नेपाल के केंद्रीय बैंक, नेपाल राष्ट्र बैंक के डिप्टी गवर्नर बम बहादुर मिश्रा ने कहा कि, 'विदेशी मुद्रा की कमी को रोकने के लिए कार, 250 सीसी से ज्यादा की मोटरसाइकिल, 32 इंच से ज्यादा के कलर टीवी, तंबाकू और व्हिस्की जैसे लग्जरी सामानों का आयात फिलहाल रोक दिया गया है।'
लगातार कम हो रहा है विदेशी मुद्रा भंडार
मालूम हो कि जुलाई 2021 के बाद से, नेपाल के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा रही है। लगातार बढ़ते आयात और टूरिज्म और निर्यात से कम आय की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2022 तक पड़ोसी देश का सकल विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2021 के मध्य में 11.75 अरब डॉलर से 17 फीसदी कम होकर 9.75 अरब डॉलर हो गया था।
इस संदर्भ में नेपाल के केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि, 'यह प्रतिबंध मंगलवार से प्रभावी हो गया है। इसका नोटिस नेपाल राजपत्र में प्रकाशित किया गया था।' नए प्रावधान के अनुसार सिर्फ इमरजेंसी वाहनों को ही आयात किया जा सकेगा। अधिकारी ने कहा कि खिलौनों, हीरे और प्लेइंग कार्ड के आयात पर भी यह प्रतिबंध लागू है।