नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष में जून के मध्य तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 45 प्रतिशत बढ़कर 3.39 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया। यह अर्थव्यवस्था में तेजी के रुख को बताता है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) संग्रह में 47 प्रतिशत की वृद्धि और अप्रैल-जून तिमाही के लिए अग्रिम कर वसूली में 33 प्रतिशत की वृद्धि के चलते हुई।
आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि इस दौरान 3.39 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में कॉरपोरेट कर (सीआईटी) की हिस्सेदारी 1.70 लाख करोड़ रुपये रही। इसके अलावा प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) सहित व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) के रूप में 1.67 लाख करोड़ रुपये से अधिक संग्रह हुआ।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 16 जून, 2022 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़े बताते हैं कि शुद्ध संग्रह बढ़कर 3,39,225 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 2,33,651 करोड़ रुपये था। इस तरह इसमें 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई। संग्रह 2020-21 की इसी अवधि की तुलना में 171 प्रतिशत और 2019-20 की समान अवधि की तुलना में 103 प्रतिशत अधिक रहा।
सकल संग्रह 16 जून तक 40 प्रतिशत बढ़कर 3.69 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 2.64 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। सकल संग्रह में 30,334 करोड़ रुपये का रिफंड शामिल है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अग्रिम कर संग्रह 1.01 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 75,783 करोड़ रुपये था। इस तरह इसमें 33 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।