- पीएम मोदी ने कहा कि भारत में 130 करोड़ की आबादी में से सिर्फ 1.3 करोड़ लोग ही टैक्स चुकाते हैं
- 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब 2.5 करोड़ की वृद्धि हुई है।
- पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मचिंतन जरूरी है और ये जिम्मेदारी सिर्फ टैक्स विभाग की नहीं है
नई दिल्ली: आपका इनकम टैक्स फॉर्म 26AS जल्द ही आपसे आपके वित्तीय लेन-देन के बारे में बहुत कुछ डिटेल पूछेगा। डायरेक्ट टैक्स सिस्टम के तहत जो होटल बिल या 20000 रुपए से अधिक के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम, 50000 रुपए से अधिक के जीवन बीमा प्रीमियम, प्रति वर्ष 1 लाख रुपए से अधिक बिजली की खपत या यहां तक कि 1 लाख रुपए से अधिक की स्कूल फीस देते हैं। वे सभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के रडार पर रहेंगे। सरकार ने व्यक्तियों द्वारा अधिक मूल्य के लेनदेन को चिह्नित करने के लिए दायरा बढ़ाने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों के लिए टैक्स चार्टर का अनावरण करते हुए बताया कि भारत में 130 करोड़ की आबादी के मुकाबले सिर्फ 1.3 करोड़ लोग ही टैक्स चुकाते हैं।
पीएम ने कहा कि बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब 2.5 करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है। इतने बड़े देश में सिर्फ 1.5 करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं। इस पर देश को आत्मचिंतन करना होगा। आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मचिंतन जरूरी है। और ये जिम्मेदारी सिर्फ टैक्स विभाग की नहीं है, हर भारतीय की है। जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो देशवासी सेल्फ मोटिवेशन से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी।
नई प्रस्तावित लिस्ट जिसे अभी अधिसूचित किया जाना है वह अनुपालन को आगे बढ़ाएगी और पारदर्शिता बढ़ाएगी। घरेलू या विदेशी बिजनेस क्लास हवाई यात्रा, आभूषणों की खरीद, 1 लाख रुपए से अधिक की पेंटिंग, 20,000 रुपए प्रति वर्ष से अधिक की संपत्ति खरीद, शेयर बाजार में लेन-देन, 50 लाख रुपए से अधिक के चालू खाते में जमा या क्रेडिट टैक्स विभाग के रडार पर होंगे। सरकार उन लोगों से भी उच्च दर पर कर वसूलने का प्रस्ताव रखी है जो उच्च मूल्य के लेन-देन करते हैं और कम आय दिखाकर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं। टैक्स डिपार्टमेंट ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि 30 लाख रुपए से अधिक के बैंक लेनदेन करने वाले सभी व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से इनकम टैक्स फाइल करना चाहिए। 50 लाख रुपए तक के कारोबार करने वाले भी को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना चाहिए।
एसएफटी खास व्यक्तियों द्वारा खास वित्तीय लेनदेन की एक रिपोर्ट है। ऐसे खास व्यक्ति जो ऐसे खास वित्तीय लेनदेन का रिजस्ट्रेशन, रखरखाव या रिकॉर्ड करते हैं। इनकम टैक्स विभाग को एसएफटी जमा करना अनिवार्य है। इस साल की शुरुआत में इनकम टैक्स विभाग ने 26AS फॉर्म में नई सुविधाएं जोड़ी हैं।