- कोविड-19 महामारी से पहले कैबिन क्रू के सभी मेंबर्स को उड़ान से पहले एल्कोहल टेस्ट से गुजरना पड़ता था।
- महामारी की वजह से यह टेस्ट कुछ महीनों के लिए स्थगित कर दिया गया था।
- बाद में टेस्ट फिर से शुरू किया गया, लेकिन सदस्यों के सिर्फ एक छोटे हिस्से के लिए।
नई दिल्ली। भारत के नागर विमानन महानिदेशालय डीजीसीए (DGCA) ने कहा कि चार महीनों (एक जनवरी से 30 अप्रैल तक) में नौ पायलट और 32 कैबिन क्रू मेंबर्स एल्कोहल टेस्ट में फेल हुए हैं। उड़ान से पहले शराब के सेवन का पता लगाने के लिए की गई जांच में कुल 41 लोग असफल रहे।
डीजीसीए ने क्या किया?
इस संदर्भ में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने कहा कि, 'इनमें से दो पायलट और कैबिन क्रू के दो मेंबर्स एल्कोहल टेस्ट में दूसरी बार फेल हुए हैं। इसके लिए इन्हें तीन साल की अवधि के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।' बाकी के सात पायलट और कैबिन क्रू के 30 मेंबर्स को तीन महीने के लिए सस्पेंड किया गया है। ये सभी पहली बार बीए टेस्ट (Breath Analyser) में पॉजिटिव पाए गए थे।
कौन सी कंपनी के कितने पायलट और कैबिन क्रू मेंबर्स?
डीजीसीए के अनुसार, इंडिगो के चार पायलट और कैबिन क्रू के 10 मेंबर्स, गो फर्स्ट का एक पायलट और कैबिन क्रू के पांच मेंबर्स, स्पाइसजेट का एक पायलट और कैबिन क्रू के छह मेंबर्स, एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक पायलट और एयर एशिया इंडिया के कैबिन क्रू के चार मेंबर्स, विस्तारा का एक पायलट और कैबिन क्रू के दो मेंबर्स, एलायंस एयर का एक पायलट और एयर इंडिया के कैबिन क्रू के पांच मेंबर्स इस अवधि में उड़ान से पहले एल्कोहल टेस्ट में सफल नहीं रहे।
डीजीसीए के अहम निर्देश
डीजीसीए ने पिछले महीने एल्कोहल टेस्ट को लेकर निर्देश दिए थे। मालूम हो कि डीजीसीए ने पिछले महीने ही एयरलाइंस को यह कहा था कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पायलट और कैबिन क्रू के मेंबर्स में से 50 फीसदी का एल्कोहल टेस्ट हो।