वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट 2022 पर जवाब देते हुए कहा कि इस देश में 44 यूनिकॉर्न की पहचान की गई है। उन्होंने दौलत पैदा की है। वे भारत की प्रतिभा और इनोवेशन के बारे में बता रहे हैं। यह 2020 और 2021 के बीच हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न बने, यह ‘अमृत काल’ का ही संकेत है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2020-21 में कोविड-19 की वजह से जीडीपी में 9.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई। शहरों में बेरोजगारी घटकर कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर आई गई है।
सीतारमण ने कहा कि देश में इस विपक्षी पार्टी के कारण ही अंध काल था जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में लोगों के वित्तीय समावेश और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अमृत काल की दिशा में कदम बढा़या गया है। सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार देश को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के अंधकाल से अमृतकाल में ले जाने का प्रयास कर रही है। बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आरोप लगाया था कि सरकार भले ही अमृत काल की बात कर रही है, लेकिन असल में इस सरकार के तहत यह अंध काल है।
वित्त मंत्री ने थरूर की इस टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में अंधकाल निश्चित तौर पर था, लेकिन वह सिर्फ कांग्रेस की वजह से था। 1991 में हमारा विदेशी मुद्रा भंडार दो सप्ताह तक का ही बचा था, जो अंधकाल था। इससे पहले आपातकाल के समय भी अंधकाल था। सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार, खासकर इसके दूसरे कार्यकाल में महंगाई दहाई अंकों में थी, वह भी निश्चित तौर पर अंधकाल था। कोयला घोटाला था, 2जी घोटाला था, अंतरिक्ष-देवास घोटाला था। रोजाना सुबह के अखबार में भ्रष्टाचार की खबरें आती थीं। नीतिगत पंगुता थी। वह अंधकाल था।
वित्त मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि कोविड-19 महामारी की मार से वित्त वर्ष 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.57 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई। इसके बावजूद सरकार ने एक सदी में एक बार आने वाली महामारी के दौरान भी मुद्रास्फीति को 6.2 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने दिया। उन्होंने कहा कि बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 3.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया है। उल्लेखनीय है कि एमएसएमई क्षेत्र कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
वित्त मंत्री ने करीब 100 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि अब भी इस योजना का लाभ लेने की इच्छुक एमएसएमई का स्वागत है। ईसीएलजीएस के तहत 3.1 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए गए हैं। अब भी 1.4 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी की गुंजाइश है। इस योजना को मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई को ईसीएलजी योजना के तहत 2.36 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया गया है।
सीतारमण ने कहा कि देश को अमृतकाल की तरफ बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आज जनधन योजना के कारण सभी भारतीय समस्त वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और इन खातों में 1.57 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। इनमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। उन्होंने कहा कि देश में 2020-21 में 44 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली इकाइयां) बने जो अमृत काल का ही संकेत है।
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में रोजगार की स्थिति में अब सुधार का संकेत दिख रहा है। शहरों में बेरोजगारी अब कोविड-पूर्व के स्तर पर आ गई है।बढ़ती असमानता के आरोप पर उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रही है और पीएम मुद्रा योजना के तहत कर्ज प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 1.2 करोड़ अतिरिक्त रोजगार अवसर पैदा हुए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बजट में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाया है।