- नीति आयोग के नवाचार सूचकांक में लगातार तीसरी बार कर्नाटक पहले स्थान पर रहा है।
- नीति आयोग के नवाचार सूचकांक के पहले संस्करण को अक्टूबर 2019 में जारी किया गया था।
- इसके बाद जनवरी 2021 में इसका दूसरा संस्करण आया था।
नई दिल्ली। नीति आयोग (Niti Aayog) की ओर से तीसरा नवाचार सूचकांक (India Innovation Index 2021) जारी कर दिया गया है। इंडिया इनोवेशन इंडेक्स में प्रमुख राज्यों में कर्नाटक को पहला स्थान मिला है। लिस्ट में दूसरा स्थान तेलंगाना और तीसरा स्थान हरियाणा को प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के इनोवेशन इंडेक्स में उप-राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार क्षमताओं और पारिस्थितिक तंत्र की पड़ताल की जाती है।
लगातार तीसरे साल कर्नाटक ने मारी बाजी
इंडिया इनोवेशन इंडेक्स के तीसरे संस्करण को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी परमेश्वरन अय्यर की उपस्थिति में जारी किया। इस इंडेक्स को ग्लोबल इनोवेशन सूचकांक की तर्ज पर विकसित किया गया है। कर्नाटक लगातार तीसरे साल पहले स्थान पर रहा है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सूचकांक का तीसरा संस्करण देश में नवाचार विश्लेषण के दायरे को मजबूत करता है। 2019 और 2021 में जारी संस्करणों में 36 संकेतकों के आधार पर विश्लेषण किया गया था, हालांकि इस बार ऐसा नहीं हुआ। इस बार 66 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके प्रदर्शन की तुलना करने के लिए 17 प्रमुख राज्यों, 10 पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों एवं 9 केंद्र शासित प्रदेशों और शहर राज्यों में वर्गीकृत किया गया है। अपनी-अपनी कैटेगरी में सूचकांक में कर्नाटक, मणिपुर और चंडीगढ़ टॉप पर रहे हैं।
टॉप और बॉटम में रहे ये राज्य
केंद्र शासित प्रदेशों में, चंडीगढ़ लिस्ट में सबसे ऊपर है। उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों की कैटेगरी में मणिपुर टॉप स्थान पर है। वहीं प्रमुख राज्यों में छत्तीसगढ़, ओडिशा और बिहार को सूचकांक में सबसे नीचा स्थान मिला है।
डिजिटल बैंकों को बढ़ावा देने के लिए ये है प्लान
भारत के पास डिजिटल बैंकों (Digital Bank) की सुविधा देने के लिहाज से जरूरी प्रौद्योगिकी है। नीति आयोग ने डिजिटल बैंकः भारत में लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था के लिए एक प्रस्ताव रिपोर्ट में कहा है कि इसे बढ़ावा देने के लिए नियामक रूपरेखा बनाने की जरूरत है। भारत की सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना UPI के जरिए लेनदेन मूल्य के आधार पर 4000 अरब डॉलर को पार कर चुका है।