लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, जेवर के विकास को सरकार की शीर्ष प्राथमिकता वाली परियोजना कहा है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 की विभीषिका के बावजूद अब तक जिस तेजी, पारदर्शिता और तय से जेवर एयरपोर्ट के काम हुए हैं, उसने प्रदेश की नई कार्यसंस्कृति को प्रदर्शित किया है। इस एयरपोर्ट में हवाई पट्टियों की संख्या 02 से बढ़ाकर 06 करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने जेवर एयरपोर्ट के लिए चयनित विकासकर्ता ज़्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के कार्यों की सराहना करते हुए उनके प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि सरकार की ओर से उन्हें हर संभव मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी, सोमवार को जेवर एयरपोर्ट के लिए चयनित विकासकर्ता ज़्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा गठित यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के बीच स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट के हस्ताक्षरित होने के मौके पर परियोजना की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब तीस वर्ष से लंबित इस प्रकरण के संबंध में मार्च 2017 में ही हमने तय किया कि देश-प्रदेश के हित में यह परियोजना प्राथमिकता से पूरी की जाएगी।
सीएम ने कहा कि 2017 में प्रदेश में सिर्फ दो हवाई अड्डे (लखनऊ और वाराणसी) ही क्रियाशील थे। मात्र तीन वर्ष में गोरखपुर, हिंडन, आगरा, प्रयागराज और अब बरेली सहित 05 अन्य एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं। यही नहीं, देश के सबसे बड़े प्रदेश में मात्र दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट थे, लेकिन कुशीनगर और अयोध्या के एयरपोर्ट के साथ बहुत जल्द यहां 05 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होंगे। सीएम ने कहा कि अच्छी कनेक्टिविटी हो तो विकास भी रफ्तार पकड़ता है। 21 एयरपोर्ट और 07 हवाई पट्टियों के क्रियाशील होने की प्रक्रिया चल रही है। यह प्रयास सिविल एविएशन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की ऊंची उड़ान भरने वाले होंगे।
तेजी से करें प्रभावित परिवारों के पुनर्वास:
जेवर एयरपोर्ट निर्माण से प्रभावित परिवारों के विस्थापन कार्यों को समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परिवारों से संवाद बनाया जाए। उनके बेहतर विस्थापन की व्यवस्था हो। सीएम ने कहा कि रनवे में आने वाले ग्राम रेही के मजरे नगला गनेशी की आबादी को सबसे पहले शिफ्ट किया जाए। यह कार्य प्रत्येक दशा में 06 मार्च तक पूरा कर लिया जाए। विस्थापित आबादी के भूखंड आवंटन की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न कराई जाए। इसका लाइव प्रसारण भी किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन के लिए अपर आयुक्त मेरठ मंडल की अध्यक्षता में समिति गठित किया जाए। प्रेक्षक के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस एवं सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नामित किया जाना उचित होगा। यही नहीं उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जेवर एयरपोर्ट परियोजना के कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को बताया कि विस्थापित आबादी के पुनर्वास के लिए जेवर बांगर में 48.0979 हेक्टेयर भूमि का प्रबंध कर लिया गया है।
विकासकर्ता कम्पनी को पूरा सहयोग देगी सरकार:
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जेवर एयरपोर्ट के लिए चार लाइन की कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगी वर्तमान सड़कों के अपग्रेड, मॉर्डनाइज और मेंटेन किए जाने का काम होगा, साथ ही एयरपोर्ट को मेट्रो रेल से भी जोड़ने का पूरा प्रयास किया जाएगा। यही नहीं यूटिलिटी से संबंधित सभी सेवाओं को पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जेवर के अंदर और बाहर स्वच्छता और सुरक्षा प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। एयरपोर्ट के विकास के लिए सभी प्रकार की बाध्यकारी अनुमतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। आगे भी प्रदेश सरकार अपने स्तर की सभी आवश्यक अनपत्तियाँ समय से जारी करेगी।
विकासकर्ता कम्पनी की ओर से क्रिस्टाफ़ श्लेनमन ने प्रदेश सरकार की नीतियों की सराहना की तो नागरिक उड्डयन मंत्री नन्दगोपाल नन्दी ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। मुख्यमंत्री आवास पर सम्पन्न स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट पर मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री और नागरिक उड्डयन एस पी गोयल, सचिव मुख्य मंत्री और नागरिक उड्डयन सुरेंद्र सिंह, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह और नोडल ऑफ़िसर नोएडा एयरपोर्ट शैलेंद्र भाटिया तथा ज़्यूरिख की कम्पनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से क्रिस्टाफ़ श्लेनमन , किरन जैन और शोभित गुप्ता ने हस्ताक्षर किए।