- रसोई गैस की कीमत में वृद्धि वैश्विक स्तर की तुलना में काफी कम हुई: हरदीप सिंह पुरी।
- इनपुट लागत में वृद्धि की वजह से गैस की कीमत में बढ़ोतरी हुई है।
- पेट्रोल और डीजल की कीमत सरकारी सेक्टर की तेल विपणन कंपनियां तय करती हैं।
नई दिल्ली। खाना पकाने के लिए घरों को प्रदान किए जाने वाले 14.2 किलोग्राम एलपीजी रिफिल की कीमत 41.5 फीसदी बढ़ी है। इसका दाम 744 रुपये से 1,053 रुपये हो गया है, जबकि एलपीजी के लिए बेंचमार्क सऊदी अनुबंध मूल्य अप्रैल 2020 से जुलाई 2022 के बीच 236 डॉलर प्रति टन से 203 फीसदी बढ़कर 725 डॉलर प्रति टन हो गया। सुशील कुमार मोदी के एक सवाल के जवाब में तेल और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने सोमवार को राज्यसभा को सूचित किया कि सरकार रसोई गैस की प्रभावी घरेलू कीमतों (LPG Price) को नियंत्रित करती है।
उज्ज्वला योजना से गरीबों को हुआ लाभ
मंत्री ने बताया कि महामारी के दौरान गरीबों को उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान करने वाले परिवारों को तीन रिफिल मुफ्त प्रदान किए गए थे। इसके अलावा, केंद्र ने उज्ज्वला कनेक्शन धारकों को प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी (Gas Cylinder Subsidy) देना शुरू किया था। सब्सिडी चालू वित्त वर्ष के दौरान खरीदे गए 12 रिफिल पर उपलब्ध होगी।
भारत में सबसे सस्ता है रसोई गैस सिलेंडर! दुनिया के बाकी देशों में इतना है दाम: हरदीप सिंह पुरी
कम हुआ था पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मई में घोषणा की थी कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को प्रति वर्ष 12 सिलेंडर के लिए 200 रुपये प्रति सिलेंडर मिलेगी। उन्होंने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा भी की थी। उन्होंने कहा था कि इस कदम से सालाना लगभग 6,100 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित होगा।
उज्ज्वला योजना पर इतना रहा केंद्र सरकार का खर्च
पेट्रोलियम मंत्री ने आगे कहा कि 2019-20 में उज्ज्वला योजना पर केंद्र का खर्च 3,724 करोड़ रुपये रहा, 2020-21 में यह 9,235 करोड़ रुपये रहा और साल 2021-22 के दौरान यह आंकड़ा 1,569 करोड़ रुपये था। 2020-21 के खर्च में उज्ज्वला कनेक्शन धारकों को अप्रैल से दिसंबर 2020 की अवधि में दिए गए तीन मुफ्त रिफिल के लिए धन भी शामिल है।